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आशिक अहमद नेंगरूः कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद का नया 'पोस्टर ब्वॉय', जो कभी पुलिस का खबरी था

By IANS | Updated: October 7, 2019 14:32 IST

आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक एक वक्त ऐसा था जब नेंगरू भारतीय सेना को आतंकियों की सूचना दिया करता था। लेकिन पैसे की लालच में वो आतंक का सौदागर बन गया।

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ठळक मुद्देनेंगरू ने जिनकी आतंकियों की घुसपैठ कराई उसमें कुछ फिदायीन भी शामिल हैं।नेंगरू ने पैसे की लालच में आतंकियों का समर्थक बन गया।

आशिक अहमद नेंगरू, जो पहले कभी पुलवामा में ट्रेक चलाता था, उसके बाद पुलिस का खबरी बना और फिर पैसे की लालच में आतंक का सौदागर बन गया। पहले प्रो-इंडियन माना जाने वाला आशिक आज घाटी में हथियार, नशे और आतंकियों का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर माना जाता है।

हाल ही में पंजाब में ड्रोन के जरिए हथियार गिराए जाना का खुलासा होने के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने एक अभियान चलाया। इसमें घाटी से ऐसे 40 आतंकियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है जिन्हें जैश-ए-मोहम्मद के नए पोस्टर ब्वॉय नेंगरू ने सीमापार कराया है। माना जा रहा है कि नेंगरू ने जिनकी आतंकियों की घुसपैठ कराई उसमें कुछ फिदायीन भी शामिल हैं।

आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक एक वक्त ऐसा था जब नेंगरू भारतीय सेना को आतंकियों की सूचना दिया करता था। ट्रक ड्राइवर के रूप में नेंगरू ने अलगाववादी नेताओं और भारत विरोधी तत्वों के साथ अच्छा नेटवर्क बना लिया था। इस नेटवर्क की बदौलत उसे आतंकी गतिविधियों की खबर होती थी। हालांकि पैसे की लालच में वो आतंकियों का समर्थक बन गया।

इंटेलिजेंस डोजियर के मुताबिक नेंगरू सबसे पहले हिजबुल मुजाहिदीन के नेताओं के संपर्क में आया जिन्होंने उसे पत्थरबाजी की जिम्मेदारी सौंपी। हर भारत विरोधी गतिविधि के लिए उसे हजारों रुपये मिलते थे। पैसे को देखते हुए नेंगरू ने हिजबुल का साथ छोड़कर आईएसआई का दामन थाम लिया। 

आतंक की कमाई से उसने कुछ ट्रक खरीद लिए और हथियारों की स्मगलिंग करने लगा। आखिर में उसने जैश ज्वॉइन कर लिया और पीओके भाग गया। डोजियर के मुताबिक नेंगरू का भाई मोहम्मद अब्बास जैश का आतंकी था जो एक पुलिस एनकाउंटर में कुछ साल पहले मारा गया। 

उसके एक और भाई रियाज ने भी जैश ज्वॉइन कर ली और पिछले साल गिरफ्तार किया गया। जम्मू कश्मीर पुलिस के सूत्रों के मुताबिक आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद नेंगरू ने घाटी में हथियारों की स्मगलिंग की योजना बनाई। हालांकि उसका ट्रक 12 सितंबर को लखनपुर में पकड़ा गया।

ट्रक से चार एके-56 और दो एके-47 राइफल बरामद की गई। हथियार पकड़े जाने के बाद एजेंसियों को नेंगरू की अगुवाई में आतंकी प्लान की जानकारी मिली। फिलहाल नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी पंजाब और जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर मामले की छानबीन कर रही है।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरजैश-ए-मोहम्मदटेरर फंडिंग
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