निर्भया को इंसाफः मां आशा देवी ने कहा, मेरी बेटी को न्याय मिला, देश की महिलाओं का सशक्तिकरण होगा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 7, 2020 17:29 IST2020-01-07T17:08:53+5:302020-01-07T17:29:41+5:30
2012 दिल्ली सामूहिक बलात्कार पीड़िता की मां आशा देवी ने कहा कि मेरी बेटी को न्याय मिला है। चारों दोषियों को फांसी पर चढ़ाने से इस देश की महिलाओं का सशक्तिकरण होगा। इस फैसले से न्यायिक व्यवस्था पर लोगों का भरोसा और मजबूत होगा।

हम यहां आपको सुनने के लिए हैं लेकिन हम कानून से भी बंधे हुए हैं।
दिल्ली की पटियाला हाउस कार्ट ने चार दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने की मांग से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुनाया है। चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी दी जाएगी।
इस बीच, 2012 दिल्ली सामूहिक बलात्कार पीड़िता की मां आशा देवी ने कहा कि मेरी बेटी को न्याय मिला है। चारों दोषियों को फांसी पर चढ़ाने से इस देश की महिलाओं का सशक्तिकरण होगा। इस फैसले से न्यायिक व्यवस्था पर लोगों का भरोसा और मजबूत होगा। निर्भया की मां ने कहा कि आदेश (मौत की सजा पर अमल के लिए) कानून में महिलाओं के विश्वास को बहाल करेगा।
निर्भया की मां पटियाला हाउस अदालत के बाहर अत्यंत भावुक हो गईं। उन्हें ढांढस बंधाते हुए, न्यायाधीश ने कहा, “मेरी आपके साथ पूरी सहानुभूति है। मैं जानता हूं कि किसी की जान गई है लेकिन उनके अधिकार भी हैं। हम यहां आपको सुनने के लिए हैं लेकिन हम कानून से भी बंधे हुए हैं।”
गौरतलब है कि दिल्ली में सात साल पहले 16 दिसंबर की रात को एक नाबालिग समेत छह लोगों ने एक चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया का सामूहिक बलात्कार किया था और उसे बस से बाहर सड़क के किनारे फेंक दिया था। इस घटना की निर्ममता के बारे में जिसने भी पढ़ा-सुना उसके रोंगटे खड़े हो गए। इस घटना के बाद पूरे देश में व्यापक प्रदर्शन हुए और महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर आंदोलन शुरू हो गया था।
Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: My daughter has got justice. Execution of the 4 convicts will empower the women of the country. This decision will strengthen the trust of people in the judicial system. pic.twitter.com/oz1V5ql8Im
— ANI (@ANI) January 7, 2020
जानें निर्भया केस के बारे में
साल 2012 के 16 दिसंबर को एक चलती बस में निर्भया (बदला हुआ नाम) के साथ सामूहिक गैंगरेप हुआ था। आरोपियों ने पीड़िता के साथ ना सिर्फ बलात्कार किया बल्कि उसे बेहद चोटें भी पहुंचाई थी। जिसकी वजह से निर्भया की मौत हो गई। इस घटना के विरोध में पूरे देश में उग्र व शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए। इस केस में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जिसमें से 11 मार्च 2013 को राम सिंह नामक मुख्य आरोपी ने सुबह तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। एक और आरोपी नाबालिग था। जिसे कार्रवाई के बाद सुधार गृह में भेज दिया गया। इसके अलावा बाकी चारों आरोपी अक्षय कुमार सिंह, विनय शर्मा, मुकेश और पवन गुप्ता चारों ही तिहाड़ जेल में बंद हैं। इन चारों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है।