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महंत नृत्य गोपालदास को राम मंदिर ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाए जाने पर भड़के AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, कही ये बात

By रामदीप मिश्रा | Updated: February 20, 2020 15:29 IST

महंत नृत्य गोपालदास को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास का 'अध्यक्ष प्रबंध, विहिप के चंपत राय को महासचिव एवं पूर्व वरिष्ठ नौकरशाह नृपेन्द्र मिश्रा को भवन निर्माण समिति का चेयरमैन बनाया गया है, जबकि स्वामी गोविंद देव गिरि जी को कोषाध्यक्ष बनाया गया है।

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ठळक मुद्देमहंत नृत्य गोपालदास को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास का 'अध्यक्ष प्रबंध' बनाए जाने को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया में आपका स्वागत है, जहां आपराधिक कृत्यों को सम्मानित किया जाता है।   

महंत नृत्य गोपालदास को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास का 'अध्यक्ष प्रबंध' बनाए जाने को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया में आपका स्वागत है, जहां आपराधिक कृत्यों को सम्मानित किया जाता है।   

असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी के विध्वंस को राष्ट्रीय शर्म कहा था। यह सीक्वल है। सुप्रीम कोर्ट ने एक ट्रस्ट बनाने के लिए कहा था, जिसका गठन सरकार द्वारा किया गया। इस ट्रस का ऐसे व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया गया है, जिस पर बाबरी गिराने का आरोप लगाया। न्यू इंडिया में आपका स्वागत है। जहां आपराधिक कृत्यों को सम्मानित किया जाता है।'

दरअसल, महंत नृत्य गोपालदास को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास का 'अध्यक्ष प्रबंध, विहिप के चंपत राय को महासचिव एवं पूर्व वरिष्ठ नौकरशाह नृपेन्द्र मिश्रा को भवन निर्माण समिति का चेयरमैन बनाया गया है, जबकि स्वामी गोविंद देव गिरि जी को कोषाध्यक्ष बनाया गया है। न्यास की दिल्ली में बुधवार को हुई बैठक में यह निर्णय किया गया था। 

बैठक के बाद चंपत राय ने को बताया कि अयोध्या में भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में ट्रस्ट का बैंक खाता खोलने का निर्णय किया गया है। बैठक के बाद मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने की तिथि के बारे में पूछे जाने पर स्वामी गोविंददेव गिरि ने बताया कि नृपेन्द्र मिश्रा के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया है जो विशेषज्ञों एवं अन्य लोगों से विचार विमर्श करके यह तय करेगी कि निर्माण कार्य कब से शुरू किया जाए? इस न्यास का गठन केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है। न्यास का प्रमुख वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासरण को बनाया गया था। इसके अन्य सदस्य हैं जगदगुरु शंकराचार्य, ज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज (इलाहाबाद), जगदगुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज (उडुपी के पेजावर मठ से), युगपुरुष परमानंद जी महाराज (हरिद्वार), स्वामी गोविंददेव गिरि जी महाराज (पुणे) और विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र (अयोध्या) शामिल हैं।

गौरतलब है कि शीर्ष अदालत द्वारा राम मंदिर के पक्ष में निर्णय देने व मंदिर निर्माण के लिए न्यास के गठन के आदेश पर पांच फरवरी को केंद्र सरकार ने ट्रस्ट का ऐलान किया था। 

टॅग्स :असदुद्दीन ओवैसीराम मंदिरऑल इंडिया मजलिस -ए -इत्तेहादुल मुस्लिमीनबाबरी मस्जिद विवादउत्तर प्रदेश
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