अरविंद सुब्रमण्यम ने अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पद से इस्तीफा दिया

By भाषा | Published: March 19, 2021 01:38 AM2021-03-19T01:38:23+5:302021-03-19T01:38:23+5:30

Arvind Subramanian resigns as Professor of Ashoka University | अरविंद सुब्रमण्यम ने अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पद से इस्तीफा दिया

अरविंद सुब्रमण्यम ने अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पद से इस्तीफा दिया

नयी दिल्ली, 18 मार्च जाने माने अर्थशास्त्री अरविंद सुब्रमण्यम ने सोनीपत (हरियाणा) में अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया है। राजनीतिक टिप्पणीकार प्रताप भानु मेहता के इस संस्थान से निकलने के दो दिन बाद ही उन्होंने यह कदम उठाया है।

विश्वविद्यालय के शिक्षकों और विद्यार्थियों ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इस्तीफे का विरोध किया है।

यूनिवर्सिटी के एक वरिष्ठ प्राध्यापक ने कहा, ‘‘डा. सुब्रमण्यम ने इस्तीफा दे दिया है।’’

खबर लिखे जाने तक विश्वविद्यालय की ओर से इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं आई।

कुलपति मलविका सरकार ने विद्यार्थियों और शिक्षकों के साथ ऑनलाइन हुई टाउन हॉल बैठक में बताया कि मेहता से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा गया था लेकिन उन्होंने ‘‘अकेला छोड़ने का अनुरोध किया।’’

वित्त मंत्रालय में पूर्व में मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे सुब्रमण्यम ने जुलाई 2020 में इस संस्थान में अर्थशास्त्र विभाग में प्रोफेसर के तौर पर काम शुरू किया था।

सुब्रमण्यम ने अपने इस्तीफे में लिखा, ‘‘ऐसी प्रतिष्ठा एवं विद्वता के व्यक्ति (मेहता) जिसने अशोका के विचार को मूर्त रूप दिया, का इस्तीफा देना परेशाना करने वाला है। अशोका निजी दर्जा एवं निजी पूंजी होने के बावजूद अब शैक्षणिक अभिव्यक्ति एवं आजादी नहीं दे पा रहा है जो चिंताजनक है। कुल मिलाकर अशोक की दृष्टि के लिए लड़ने की विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता पर अब सवाल खड़ा हो गया है और मेरे लिए अशोका के हिस्से के तौर पर जुड़े रहना मुश्किल हो गया है।’’

सुब्रमण्यम को वित्त मंत्रालय में 16 अक्टूबर 2014 को मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया था और 2017 में उन्हें कार्य विस्तार भी दिया गया था। उनका कार्यकाल मई 2019 तक के लिए बढ़ाया गया था लेकिन उन्होंने अपने अध्यापन कार्य से फिर जुड़ने के लिए आर्थिक सलाहकार का पद छोड़ दिया था।

वहीं, संकाय सदस्यों ने पत्र में लिखा है कि मेहता के इस्तीफा देने से ''अन्य सदस्यों के त्यागपत्र देने का गलत चलन'' शुरू हो गया है और यह ''गंभीर चिंता का विषय'' है।

बयान में कहा गया है, ''विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मेहता की विदाई की आधिकारिक घोषणा से पहले मीडिया में खबरें चली थीं, जिनसे ऐसा प्रतीत होता है कि उनका इस्तीफा एक जन बुद्धिजीवी और सरकार का आचोलक होने का परिणाम है। हमें इस घटनाक्रम को लेकर बहुत दुख हुआ है।’’

विश्वविद्यालय की पूर्व छात्र परिषद ने भी अलग से बयान जारी कर मेहता के प्रति एकजुटता प्रकट की है, जिन्होंने दो साल पहले कुलपति के पद से और इस सप्ताह की शुरुआत में प्रोफेसर के ओहदे से इस्तीफा दे दिया था।

अशोका विश्वविद्यालय के शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं पूर्व छात्रों ने राजनीतिक टिप्पणीकार प्रताप भानु मेहता के विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पद से इस्तीफे पर गुस्से का इजहार किया है। उनका कहना है कि मेहता का इस्तीफा बुद्धिजीवी के तौर पर भूमिका और सरकार की आलोचना की वजह से प्रतीत होता है।

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Web Title: Arvind Subramanian resigns as Professor of Ashoka University

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