Article 370: "अब पाक के कब्जे वाले कश्मीर को आजाद कराए मोदी सरकार, अनुच्छेद 370 तो इतिहास हुआ", विहिप नेता आलोक कुमार ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 12, 2023 08:59 AM2023-12-12T08:59:28+5:302023-12-12T09:03:29+5:30
विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने अनुच्छेद 370 को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक फैसला भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को दी गई सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में याद किया जाएगा।
नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक फैसला भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को दी गई सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में याद किया जाएगा।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार आलोक कुमार ने अपने बयान में कहा कि अनुच्छेद 370 के तहत पूर्ववर्ती राज्य के लिए विशेष संवैधानिक विशेषाधिकार अब इतिहास हो गया है। इसलिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को अब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को मुक्त कराकर भारत में वापस मिलाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उन्होंने कहा, "अब जम्मू-कश्मीर में एकमात्र अधूरा एजेंडा पाक अधिकृत कश्मीर को पाकिस्तान के चंगुल से मुक्त कराना है। हमें विश्वास है कि मजबूत और दृढ़ भारत सरकार जल्द ही पीओके को मुक्त कराने में सक्षम होगी।"
विहिप नेता ने इस बात की पुष्टि करते हुए कि जम्मू-कश्मीर हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा, आगे कहा, "सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस बात को रेखांकित करता है कि 1947-48 में महाराजा हरि सिंह द्वारा हस्ताक्षरित विलय पत्र अंतिम, वैध और अपरिवर्तनीय था। कुछ राजनीतिक गलतफहमियों के कारण तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व ने अनुच्छेद 370 के माध्यम से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया था।”
उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मोदी सरकार के द्वारा जम्मू-कश्मीर में चल रहा विकास कार्य निर्बाध रूप से जारी रहेगा। इससे पहले सोमवार को देश की शीर्ष अदालत ने कहा कि अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर के शेष भारत के साथ विलय की सुविधा के लिए संविधान का केवल एक 'अस्थायी प्रावधान' था।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली को प्रभावी ढंग से खारिज कर दिया।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के 2019 के फैसले की वैधता को बरकरार रखा, जिसने जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान किया गया था।