लाइव न्यूज़ :

Article 370: "सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सबके अपने तर्क हैं, लेकिन हर कोई सहमत है", अखिलेश यादव ने कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: December 12, 2023 07:05 IST

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सोमवार को कहा कि अब कुछ कहने का 'कोई मतलब नहीं' है और हर कोई शीर्ष अदालत के फैसले से सहमत है।

Open in App
ठळक मुद्देअखिलेश यादव ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दी प्रतिक्रियाअब कुछ कहने का 'कोई मतलब नहीं' है और हर कोई शीर्ष अदालत के फैसले से सहमत हैसपा प्रमुख ने कहा कि संसद में जब भी 370 पर बहस होती थी तो सरकार जवाब नहीं देती थी

इटावा: समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सोमवार को कहा कि अब कुछ कहने का 'कोई मतलब नहीं' है और हर कोई शीर्ष अदालत के फैसले से सहमत है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सपा चीफ अखिलेश यादव ने कहा कि कोर्ट के फैसले पर लोगों के अपने-अपने तर्क हो सकते हैं लेकिन सभी फैसले से सहमत हैं।

उन्होंने कहा, ''अनुच्छेद 370 को लेकर पूरे देश में बहस चल रही थी और मुझे याद है कि जब लोकसभा में इस पर बहस होती थी, उस समय भी न केवल समाजवादी पार्टी बल्कि अन्य दलों की ओर से भी सवाल उठाए गए थे। सवाल उठाने में खासकर वो लोग थे, जिनकी पृष्ठभूमि जम्मू-कश्मीर की है। सरकार कई सवालों के जवाब नहीं दे पाई है। आखिरकार लोगों को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा। जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है, तो अब कुछ भी नया नहीं कहा जा सकता है। कोई मतलब नहीं है कुछ कहने का। हर कोई कोर्ट के फैसले पर तर्क दे सकता है, लेकिन हर कोई सहमत है।''

मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने सोमवार को सर्वसम्मति से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के केंद्र सरकार के 2019 के फैसले की वैध बताया और साथ में यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 एक "अस्थायी प्रावधान" है।

इस केस में फैसला सुनाने वाले जजों में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ का हिस्सा थे।

सभी जजों ने सामूहिक तौर पर कहा, "अनुच्छेद 370 को शामिल करने और अनुच्छेद की नियुक्ति के लिए इसे ऐतिहासिक संदर्भ से लिया जा सकता है। संविधान के भाग XXI में 370 कि यह एक अस्थायी प्रावधान है।”

इसके साथ शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 राज्य में युद्धकालीन परिस्थितियों के कारण लागू किया गया था और इसका उद्देश्य एक संक्रमणकालीन उद्देश्य की पूर्ति करना था।

संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा, "संविधान में अनुच्छेद 370 को दो उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बनाया गया था।  पहला था संक्रमणकालीन उद्देश्य, जिसमें राज्य की संविधान सभा के गठन तक एक अंतरिम व्यवस्था प्रदान करना और निर्धारित मामलों के अलावा अन्य मामलों पर संघ की विधायी क्षमता पर निर्णय लेना था और दूसरा उद्देश्य अस्थायी था, जिसमें राज्य में युद्ध की स्थिति के कारण विशेष परिस्थितियों को देखते हुए 370 की अंतरिम व्यवस्था बनाई गई थी।"

शीर्ष अदालत ने आगे कहा, "हमें लगता है कि अनुच्छेद 370 संविधान में एक अस्थायी प्रावधान है। इस उद्देश्य के लिए हमने संविधान के भाग XXI में प्रावधान की नियुक्ति का उल्लेख किया है, जो अस्थायी और संक्रमणकालीन प्रावधान है।"

टॅग्स :अखिलेश यादवसमाजवादी पार्टीधारा 370सुप्रीम कोर्ट
Open in App

संबंधित खबरें

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतRJD के लिए जैसे गाने बने, वैसे गाने मत बना देना?, आखिर क्यों सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कलाकार साथियों से अपील की, वीडियो

भारतआपको बता दूं, मैं यहां सबसे छोटे... सबसे गरीब पक्षकार के लिए हूं, जरूरत पड़ी तो मध्य रात्रि तक यहां बैठूंगा, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा

भारत'SIR देशवासियों के खिलाफ बड़ी साजिश', सपा प्रमुख अखिलेश यादव का बड़ा दावा, मोदी सरकार पर लगाए आरोप

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत

भारत अधिक खबरें

भारतIndigo Crisis: इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए 37 ट्रेनों में 116 कोच जोड़े गए

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक