दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) पार्टी के नेतृत्व में विपक्षी दल जम्मू-कश्मीर के हालात को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में शामिल नेताओं की मांग है कि जम्मू-कश्मीर में नजरबंद किए गए नेताओं को रिहा किया जाए। प्रदर्शन में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, राजद नेता मनोज झा, सीपीआईएम नेता सीताराम येचुरी और बृदा करात, समाजवादी पार्टी नेता राम गोपाल यादव और जम्मू-कश्मीर पीपल्स मूवमेंट पार्टी की शेहला राशिद शामिल हैं। वहीं तृणमूल कांग्रेस ने इस सर्वदलीय विरोध प्रदर्शन में दिनेश त्रिवेदी को प्रतिनिधि बना कर भेजा है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर को विशेष ओहदा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को बीते दिनों नरेंद्र मोदी सरकार ने संशोधित कर दिया था। इससे पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और उमर अबदुल्ला को नजरबंद किया गया था। वहीं, पूर्व सीएम फारूक अबदुल्ला ने दावा किया था कि उन्हें भी नजरबंद किया गया था लेकिन गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में कहा था कि उन्हें जबदस्ती सदन में तो लाया नहीं जा सकता।
अनुच्छेद 370 को लेकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस कई धड़ों में बंटी नजर आई। पार्टी नेता अलग-अलग राय रखते हुए देखे गए हैं लेकिन पार्टी का शीर्ष नेतृत्व मोदी सरकार के फैसले पर आपत्ति जता रहा है।
वहीं, मोदी सरकार 370 के फैसले को पूर्वजों का सपना बताकर इसे देशहित में बता रही है। सोशल मीडिया और संचार के अन्य माध्यमों से मोदी सरकार के इस फैसले का एक बड़ी आबादी ने स्वागत भी किया है। वहीं, पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इस फैसले से तिलमिलाया हुआ है। उसने कश्मीर मसले परअंतराष्ट्रीय समुदाय से दखल की मांग की लेकिन उसके हर मोर्चे पर मुंह की खानी पड़ी है।