कश्मीर: जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं और जमीं पर कर्फ्यू उन्हें मिलने नहीं देता

By सुरेश डुग्गर | Published: August 10, 2019 06:10 PM2019-08-10T18:10:05+5:302019-08-10T18:10:25+5:30

कश्मीर में पैदा हालात का असर शहनाई की गूंज पर भी पड़ा है। कई लोगों ने विवाह समारोह स्थगित कर दिए हैं। कई जगह निकाह की रस्में हो रही हैं, लेकिन दावत नहीं।

Article 370: Current Situation affects Marriage Rituals in Jammu and Kashmir | कश्मीर: जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं और जमीं पर कर्फ्यू उन्हें मिलने नहीं देता

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

कहते हैं जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं और जमीं पर इंसान उन्हें सिर्फ मिलाने का कार्य करते हैं। पर कश्मीर घाटी के दो सौ और जम्मू के कुछ नवयुवकों को इस कथन पर अब विश्वास इसलिए नहीं रहा है क्योंकि वादी-ए-कश्मीर में कर्फ्यू और जम्मू में धारा 144 ने उनकी जोड़ियां बनते बनते रुकवा दीं।

कश्मीर में पैदा हालात का असर शहनाई की गूंज पर भी पड़ा है। कई लोगों ने विवाह समारोह स्थगित कर दिए हैं। कई जगह निकाह की रस्में हो रही हैं, लेकिन दावत नहीं। प्रशासन ने विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए वादी के विभिन्न इलाकों में अघोषित कर्फ्यू लागू कर रखा है। घाटी में सामान्य तौर शादियों का सीजन अगस्त से नवंबर तक होता है। अधिकांश लोग ईद उल जुहा के आसपास शादी की तिथि को प्राथमिकता देते हैं। श्रीनगर शहर में एक सप्ताह के दौरान दो दर्जन शादियां रद हुई हैं। पूरी वादी में यह आंकड़ा कई गुणा ज्यादा हो सकता है।

जम्मू के सिदड़ा के इरशाद अहमद के छोटे भाई तजुम्मल का निकाह श्रीनगर के जकूरा में नाहिद से 14 अगस्त को होना है। बारात की तैयारी हो चुकी थी। हालात ठीक नहीं हैं। हम लोगों ने बुधवार को पुलिस से लड़की वालों से संपर्क किया। अब कोई बारात नहीं जाएगी। सिर्फ दूल्हे समेत चार लोग जाएंगे। श्रीनगर के दानामजार, कमरवारी के एजाज नक्शबंदी ने बहन की शादी को स्थगित कर दिया है। परिजनों के अनुसार शनिवार को बारात आनी थी। हालात को देख लड़के वालों के साथ बातचीत के बाद शादी को एक माह के लिए स्थगित किया है।

सन्नतनगर निवासी अख्तर हुसैन ने कहा कि हमने रविवार को स्थानीय अखबारों में इश्तिहार देकर शादी को टाल दिया। दोनों बेटों की बारात करालखुड में एक ही परिवार में जानी थी। बड़ा बेटा तस्सदुक दुबई में काम करता है। उसने 11 अगस्त को आना था। शादी 16 अगस्त की थी। अब शादी मुहर्रम के बाद होगी।

जम्मू स्थित होटल चलाने वाले गुलशेर खान ने कहा कि जब कश्मीर में शादियों का सीजन होता है मैं वापस घर कुपवाड़ा लौट जाता हूं,क्योंकि वहां मेरे लिए काम बहुत होता है। इस बार अगस्त से सितंबर तक 14 शादियों में खाना बनाने का काम था। सभी दावतें स्थगित हैं। एसपी रैंक के एक अधिकारी ने कहा कि कुछ जगहों पर लोगों ने हमसे सहयोग का आग्रह किया, हमने पूरा सहयोग किया। अगर किसी ने विवाह समारोह को रद या स्थगित किया है तो यह उसका निजी फैसला होगा।

Web Title: Article 370: Current Situation affects Marriage Rituals in Jammu and Kashmir

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे