मुंबई, 10 नवंबर मशहूर अभिनेत्री रत्ना पाठक शाह का कहना है कि कला की आज की तुलना में इतनी अधिक आवश्यकता कभी नहीं रही, क्योंकि यह एक ऐसा तरीका है जोकि लोगों को अलग नजरिये से सोचने और जो वे देख रहे हैं उसे समझने में मददगार बनाता है।
''मंडी'', ''मिर्च-मसाला'' और हाल में ''लिपिस्टिक अंडर माई बुर्का'' व ''थप्पड़'' में अपने काम की अलग छाप छोड़ने वाली अभिनेत्री ने कहा कि कला का आज के समय में विशेष महत्व है।
वर्तमान राजनीतिक वातावरण में एक कलाकार की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर 64 वर्षीय शाह ने कहा कि कला का कार्य अधिक जरूरी हो गया है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, '' कलाकारों की अब बेहद विशेष तौर पर आवश्यकता है क्योंकि यह एक ऐसा समय है जो हमारे सोचने के तरीके में बदलाव करने की कोशिश कर रहा है। फिर, चाहे वह सोशल मीडिया हो, राजनीति हो या शिक्षा हो। देखिए, जिस तरह से लोगों को शिक्षित किया जा रहा है, उसका क्या प्रभाव हो रहा है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।