नई दिल्लीः देश के विभिन्न हिस्सों में रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिसको उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अर्णब की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई है। इस दौरान शीर्ष अदालत ने अपने अंतरिम आदेश में याचिकाकर्ता अर्नब गोस्वामी को राहत दी है और उन्हें अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है। इस दौरान उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगी रहेगी।
बता दें, अर्नब गोस्वामी की ओर से दायर की गई याचिका पर न्यायमूर्ति डॉ डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवआई कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी को सुरक्षा प्रदान करने के लिए मुंबई पुलिस आयुक्त को भी निर्देश दिया है।
बता दें, छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अर्नब गोस्वामी पर पालघर मामले में अपने वक्तव्य से देश की जनता के सद्भाव को समुदाय के आधार पर भड़काने और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर टिप्पणी करने का आरोप लगाया है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। इसके अलाव उनके खिलाफ महाराष्ट्र और राजस्थान में भी माले दर्ज करवाए गए।
बता दें, पत्रकार अर्नब गोस्वामी की कार पर मुंबई में बुधवार-बृहस्पतिवार की दरम्यानी रात मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने कथित तौर पर हमला किया और उनके वाहन की खिड़की का शीशा तोड़ने की कोशिश की। घटना के समय वह अपनी पत्नी के साथ घर लौट रहे थे। दोनों ही हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने अर्नब गोस्वामी और उनकी पत्नी पर हुए कथित हमले की निंदा करते हुए कहा कि किसी भी पत्रकार के खिलाफ किसी तरह की हिंसा, अभद्र शब्द या दुर्व्यवहार और नफरत फैलाना ‘निंदनीय कृत्य’ है। उसने मुंबई पुलिस से अपील की है कि वह गोस्वामी और उनकी पत्नी पर हमला करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करें। वह रिपब्लिक टीवी चैनल के वरिष्ठ संपादक अर्नब गोस्वामी और साम्यब्रत रे के खिलाफ हमले की कड़ी निंदा करता है।