बिहार रेजिमेंट के सम्मान में सेना ने कहा- वे चमगादड़ नहीं, वे बैटमैन हैं, देखें वीडियो
By अनुराग आनंद | Published: June 21, 2020 05:22 PM2020-06-21T17:22:44+5:302020-06-21T17:23:08+5:30
बिहार रेजिमेंट के सम्मान में सेना के उत्तरी कमान ने एक वाडियो साझा कर कारगिल युद्ध समेत कई लड़ाईयों में उनके योगदान को याद किया है।
नई दिल्ली: गलवान घाटी में जब चीनी सेना व भारतीय सेना के बीच लड़ाई हुई तो भारतीय सेना के बिहार रेजिमेंट के जवानों ने खाली हाथ दुश्मनों का सामना करते हुए, उसके सामने अपने पराक्रम का शानदार उदाहरण पेश किया।
बिहार रेजिमेंट के सम्मान में सेना के उत्तरी कमान ने एक वाडियो साझा कर कारगिल युद्ध समेत कई लड़ाईयों में उनके योगदान को याद किया है। सेना ने कहा है कि ये चमगादड़ नहीं, ये बैटमैन हैं। सेना ने यह भी लिखा है कि बिहार रेजिमेंट के शेर लड़ने के लिए ही जन्मे हैं। हर सोमवार को बाद मंगलावर होगा। इसके साथ ही सेना ने कहा है कि बजरंग बली की जय।
बता दें कि चीन के साथ हुई इस लड़ाई में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इसके अलावा, 80 के करीब जवान घायल हो गए थे। इनमें से चार गंभीर तौर पर घायल थे। इसी लड़ाई में बिहार रेजिमेंट के कर्नल संतोष बाबू भी दुश्मनों के धूर्तता की वजह से शहीद हो गए।
#IndianArmy#21yearsofKargil
— NorthernComd.IA (@NorthernComd_IA) June 20, 2020
The Saga of #DhruvaWarriors and The Lions of #BiharRegiment.
"Born to fight.They are not the bats. They are the Batman."
"After every #Monday, there will be a #Tuesday. Bajrang Bali Ki Jai"@adgpi@MajorAkhill#NationFirstpic.twitter.com/lk8beNkLJ7
चीन ने चली गंदी चाल
इस बीच जब भारतीय पेट्रोलिंग दल वापस आया था, उसी समय चीनी सेना ने उस पोस्ट पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी और पास के पोस्ट से करीब 300 से 350 चीनी सैनिक वहां आ गये।
सूत्रों के अनुसार जब तक भारतीय दल वहां पहुंचा, चीनी सैनिक अपनी तैयारी पूरी कर चुके थे। उन्होंन पत्थर और दूसरे हथियार भी जमा कर लिए थे कि जिसका वे इस्तेमाल करने वाले थे।
बहरहाल, दोनों ओर से बातचीत शुरू हुई लेकिन ये सफल नहीं रही और बहस शुरू हो गई। इसके बाद भारतीय पक्ष ने गुस्से में चीनी सेनाओं के टेंट वगैरह उखाड़ने शुरू कर दिए। इस बीच पहले से तैयार चीनी सेना ने धावा बोल दिया। सबसे पहली चोट बिहार रेजीमेंट के हवलदार पलानी को लगी। ये देख बिहार रेजीमेंट के अन्य सैनिकों का गुस्सा और बढ़ गया और वे पूरे पराक्रम से चीनी सेना पर हमला करने लगे।
हालांकि, वहां चीनी सैनिकों की संख्या बहुत ज्यादा थी और उन्होंने तैयारी भी कर रखी थी, लेकिन बिहार रेजीमेंट के सैनिकों ने उनका जमकर मुकाबला किया।
तीन घंटे तक जारी रही झड़प
ये झड़प तीन घंटे तक जारी रही। इस दौरान देर रात तक बड़ी संख्या में चीनी सैनिक हताहत हुए। अगली सुबह तक मामला जब कुछ ठंडा हुआ तब तक चीनी सैनिकों के शव वहीं जमीन पर पड़े हुए थे। बाद में सूत्रों के अनुसार भारतीय सैनिकों की ओर से वे शव चीन को लौटाए गए।
मिली जानकारी के अनुसार भारतीय पक्ष से 100 ट्रूप्स इस ऑपरेशन में थे जबकि चीन की ओर से उस समय वहां 350 से ज्यादा सैनिक मौजूद रहे होंगे। हालांकि, इसके बावजूद बिहार रेजीमेंट के जवानों ने पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 से चीनी सैनिकों को उखाड़ फेंका।
सूत्रों के अनुसार पीपी-14, पीपी-15 और पीपी-17A पर गतिरोध को सुलझाने के लिए बातचीत का दौर जारी है। अगले कुछ दिनों में फिर से भारत और चीन के लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की मीटिंग की योजना बनाई जा रही है।