सेना ने खोया अपना हीरो, 9 साल के कुत्ते 'डच' की मौत, केंद्रीय मंत्री ने कहा- राष्ट्र की सेवा करने वाले एक असली नायक को सैल्यूट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 14, 2019 12:40 PM2019-09-14T12:40:46+5:302019-09-14T12:40:46+5:30
केंद्रीय मंत्री और पूर्वाेत्तर मामले के प्रभारी जितेंद्र सिंह ने निधन पर ट्वीट कर दुख जताया है। कुत्ते 'डच' जो विभिन्न अभियानों में IED की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। राष्ट्र की सेवा में एक वास्तविक नायक था।
आर्मी ईस्टर्न कमांड के 9 साल के कुत्ते 'डच' की मौत पर शोक की लहर है। इस पर केंद्रीय मंत्री और पूर्वाेत्तर मामले के प्रभारी जितेंद्र सिंह ने निधन पर ट्वीट कर दुख जताया है। कुत्ते 'डच' जो विभिन्न अभियानों में IED की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। राष्ट्र की सेवा में एक वास्तविक नायक था। नौ साल के इस कुत्ते 'डच' ने बुधवार (11 सितंबर) को अंतिम सांस ली। इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
Army Eastern Command: Condole the death of 'Dutch' a 9 year old dog who died on 11th September. He was a decorated dog of #EasternCommand who was instrumental in identifying IEDs in various operations. A real hero in service to the nation. pic.twitter.com/60aWdJoF1A
— ANI (@ANI) September 14, 2019
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने आर्मी कैडर ईस्टर्न कमांड के डॉग डच (Dutch) के निधन पर दुख जताया है। 9 साल के डॉग ने बुधवार (11 सितंबर) के दिन इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के विकास का केंद्र सरकार में जिम्मा संभाल रहे मंत्री सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए लिखा, ''11 सितंबर को मौत के मुंह में समा जाने वाले 9 साल के डच डॉग के प्रति आर्मी ईस्टर्न कैडर शोक संवदेना व्यक्त करती है। वह पूर्वी कमांड की ओर से पदक से सम्मानित डॉग था, जिसने कई सीआई/सीटी ऑपरेशनों में आईईडी की पहचान करने में खास भूमिका निभाई थी। राष्ट्र की सेवा करने वाले एक असली नायक को सैल्यूट।''
#Condolence#ArmyCdrEC condoles the death of '#Dutch' a 9 yr old ED #Dog who died on 11 Sept. He was a decorated dog of #EasternCommand who was instrumental in identifying IEDs in various CI/CT Ops. A real hero in service to the nation. #Salute@adgpipic.twitter.com/HJPKPrEhLv
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) September 14, 2019
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आर्मी के डॉग्स (कुत्ते) सैनिकों की तरह ही देश की सेवा में अहम योगदान देते हैं।मृत्यु उपरांत इन डॉग्स को किसी सैनिक की तरह ही सम्मानपूर्वक विदाई दी जाती है।
दिया जाता है एनिमल यूथेनेशिया
खास बात यह है कि इन डॉग्स को तब तक जिंदा रखा जाता है, जब तक ये काम करते रहते हैं, जब कोई डॉग एक महीने से अधिक समय तक बीमार रहता है या किसी कारणवश ड्यूटी नहीं कर पाता है तो उसे जहर देकर (एनिमल यूथेनेशिया) मार दिया जाता है।