गुवाहाटी:केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से की जारी छापेमारी का समर्थन करते हुए इसे हिंसक और अराजक संगठन बताया है और केंद्र सरकार की ओर से की कार्रवाई का समर्थन किया है।
इस्लामिक मुद्दे पर अपनी मुखर राय रखने वाले आरिफ मोहम्मद खान ने बड़ी साफगोई से कहा कि जो भी संगठन हिंसा के रास्ते पर चलता है और कानून का अपमान करता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और हमारी सुरक्षा एजेंसियां ऐसा ही कर रही हैं।
उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों द्वारा पीएफआई के खिलाफ की जारी छापे के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शन पर कहा कि कल जो भी हुआ वह अराजकता थी। हिंसा करने वाला कोई भी व्यक्ति कानून के शासन और लोकतंत्र का अपमान करता है। इस संस्थान (पीएफआई) के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें आ चुकी हैं। इसलिए ऐसे संगठनों के खिलाफ एक्शन लिया जाना बेहद जरूरी है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह संगठन हिंसा का सहारा लेकर अपने राजनीतिक मुद्दे को राह देना चाहते हैं। सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। केरल के गर्वनर ने कहा कि ये संगठन कहीं से मुल्क की भलाई के लिए काम नहीं कर रहा है।
मालूम हो कि बीते कुछ दिनों से एनआईए पीएफआई के खिलाफ बेहद आक्रामक तरीके से पूरे देश में छापेमारी कर रही है। जिसमें तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा, अलाप्पुझा, एर्नाकुलम, कोझीकोड और वायनाड सहित कई जिलों में पीएफआई के दफ्तर सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर थे। एनआईए ने अब तक करीब 100 लोगों की गिरफ्तारी की है।
वहीं पुणे में आज पीएफआई समर्थकों ने एनआईए की कार्रवाई के खिलाफ विरोध रैली भी निकाली, जिसके विषय में कुछ मीडिया रपटों में दावा किया गया कि पीएफआई के सदस्यों ने गिरफ्तारी के वक्त पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया। वहीं कुछ अन्य मीडिया संस्थानों ने दावा किया कि गिरफ्तार किए गए सदस्यों ने पाकिस्तान जिंदाबाद नहीं बल्कि पापुलर फ्रंट जिंदाबाद का नारा लगा रहे थे।
जिसके बाद पुणे पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए पीएफआई के 41 प्रदर्शनकारियों को तुरंत हिरासत में लिया और उन्हें पुलिस वाहनों में ठूंस दिया। इतना ही नहीं पुणे पुलिस ने जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने अवैध रूप से जमा होने और नारेबाजी करने के आरोप में लगभग 60-70 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।