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जाइडस केडिला के कोविड टीके जाइकोव- डी के आपात इस्तेमाल को मंजूरी मिली

By भाषा | Updated: August 20, 2021 22:49 IST

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देश में बने जाइडस केडिला के कोविड टीके जोइकोव-डी को भारत के औषधि महानियंत्रक से आपात इस्तेमाल के लिये मंजूरी मिल गयी है । इस टीके को 12 साल व इससे अधिक उम्र के लोगों को दिया जा सकेगा । जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी । आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद जाइकोव-डी देश का पहला ऐसा टीका बन गया है जो 12 से 18 वर्ष के आयुवर्ग को दिया जा सकेगा। कोविशील्ड, कोवैक्सीन एवं स्पूतनिक-वी केवल उनलोगों को दिया जा रहा है जिनकी उम्र 18 साल से अधिक है और इन टीकों को दो खुराक में दिया जा रहा है। इसके विपरीत जाइकोव-डी 12 से 18 वर्ष के आयुवर्ग में तीन खुराक में दिया जा सकेगा।डीबीटी ने बताया कि जोइकोव-डी डीएनए आधारित कोरोना वायरसरोधी दुनिया का पहला टीका है। इसके अनुसार टीके की तीन खुराक दिए जाने पर यह सार्स-सीओवी -2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन करता है जो बीमारी तथा वायरस से सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने यह भी कहा कि ‘‘प्लग-एंड-प्ले’’ तकनीक जिस पर 'प्लाज्मिड डीएनए प्लेटफॉर्म' आधारित है, वायरस में उत्परिवर्तन से भी आसानी से निपटती है, जैसा कि यह पहले से हो रहा है। विभाग ने कहा, ‘‘भारत के औषधि महानियंत्रक से जाइडस केडिला के टीके जाइकोव-डी को आज अर्थात 20 अगस्त को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल गयी है । कोविड-19 रोधी यह दुनिया का पहला और देश में विकसित ऐसा टीका है जो डीएनए पर आधारित है। इसे 12 साल की उम्र के अधिक के किशारों एवं वयस्कों को दिया जा सकता है।’’ जाइडस केडिला ने कहा है कि जाइकोव-डी एक सुई मुक्त टीका है जो ‘फर्मा जेट’ का इस्तेमाल कर दिया जाता है। यह एक एप्लीकेटर (शरीर के किसी भाग में दवाई पहुंचाने के लिये इस्तेमाल किया जाने वाला यंत्र) है जो दर्दरहित तरीके से टीके को त्वचा के अंदर पहुंचाता है। डीबीटी ने कहा कि तीसरे चरण में 28 हजार स्वयंसेवकों पर किए गए क्लिनिकल ट्रायल के अंतरिम परिणामों में पता चला कि आरटीपीसीआर जांच में पॉजीटिव आये मामलों में प्राथमिक तौर पर इसकी प्रभावकारिता 66.6 फीसदी थी । इसने कहा कि कोविड-19 टीके के लिये भारत में अब तक का यह सबसे बड़ा ट्रायल था । इससे पहले देश में पांच टीकों को मंजूरी मिली है । इनमें सीरम इस्टीट्यूट का कोविशील्ड, भारत बायोटेक का कोवैक्सीन, रूस का स्पूतनिक वी, तथा अमेरिका का मॉडर्ना एवं जॉनसान एंड जॉनसन का टीका शामिल है। इन टीकों में से कोविशील्ड, कोवैक्सीन एवं स्पूतनिक वी का देश में इस्तेमाल हो रहा है। इस मंजूरी के साथ जाइकोव-डी छठा टीका हो जायेगा । इससे पहले 13 मई को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संबोधन में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा था कि अगस्त से दिसंबर के बीच लोगों के लिये टीकों की 216 करोड़ खुराकें उपलब्ध रहेंगी । उन्होंने कहा था कि इनमें से पांच करोड़ खुराक जाइडस केडिला उपलब्ध करायेगा । जाइडस केडिला ने बयान जारी कर बताया कि इसकी योजना सलाना दस से 12 करोड़ खुराक उपलब्ध कराने की है। विभाग ने कहा कि इस टीके को मिशन कोविड सुरक्षा के तहत डीबीटी के साथ मिल कर विकसित किया गया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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