अंत्योदय कार्डधारकों का पहले टीकाकरण, उच्च न्यायालय ने कहा स्पष्ट नीति बनाए राज्य सरकार

By भाषा | Published: May 5, 2021 03:01 PM2021-05-05T15:01:26+5:302021-05-05T15:01:26+5:30

Antyodaya card holders first vaccinated, high court said state government should make clear policy | अंत्योदय कार्डधारकों का पहले टीकाकरण, उच्च न्यायालय ने कहा स्पष्ट नीति बनाए राज्य सरकार

अंत्योदय कार्डधारकों का पहले टीकाकरण, उच्च न्यायालय ने कहा स्पष्ट नीति बनाए राज्य सरकार

बिलासपुर, पांच मई छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा है कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण करने के मामले में स्पष्ट नीति बनाए। राज्य सरकार ने इस वर्ग में अंत्योदय कार्डधारकों को पहले टीका लगाने का फैसला किया है।

अधिवक्ता पलाश तिवारी ने बुधवार को बताया कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश की युगल पीठ ने मंगलवार को राज्य में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लाभार्थियों का कोविड टीकाकरण करने में वर्गीकरण को उचित नहीं बताया है। न्यायालय ने टीकाकरण को लेकर राज्य शासन को आगामी शुक्रवार तक अंत्योदय कार्डधारकों के लिए टीकाकरण करने वाले आदेश को संशोधित कर स्पष्ट नीति बनाने का निर्देश दिया है जिससे सभी वर्गों के लोगों को इसका लाभ मिल सके।

तिवारी ने बताया कि उच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि अत्यंत गरीब लोगों को भी टीकाकरण से वंचित न किया जाए बल्कि शासन उनके लिए एक हेल्प डेस्क बनाकर, सभी वर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण का उचित अनुपात निर्धारित करे। न्यायालय ने राज्य शासन के टीकाकरण में वर्गीकरण के आदेश के खिलाफ दायर हस्तक्षेप याचिकाओं और स्वतः संज्ञान में ली गई एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश सुनाया है।

अधिवक्ता तिवारी ने बताया कि एक मई से देश भर में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लाभार्थियों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू होने से पहले 30 अप्रैल को अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के माध्यम से राज्य शासन ने अपने आदेश में अंत्योदय कार्ड धारकों को टीकाकरण में प्राथमिकता देने का फैसला लिया था।

तिवारी ने बताया कि राज्य शासन के इस फैसले के खिलाफ पांच याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति दर्ज करते उच्च न्यायालय से इस मामले की सुनवाई करने का आग्रह किया था। याचिकाओं में कहा गया कि टीकाकरण में वर्गीकरण का यह निर्णय नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों के विपरीत है। सभी याचिकाओं में आदेश को तत्काल निरस्त करने और नई नीति बनाने की मांग की गई जिससे बिना किसी भेदभाव के सभी वर्ग के लोगों को टीकाकरण का लाभ मिल सके।

अधिवक्ता ने बताया कि उच्च न्यायालय में मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश पी आर रामचन्द्र मेनन और जस्टिस पी पी साहू की युगल पीठ के समक्ष मामले की ऑनलाइन सुनवाई हुई। राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने इस मामले में शासन का पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान याचिककर्ताओं की तरफ से अधिवक्तागण किशोर भादुड़ी, पलाश तिवारी, अनुमेह श्रीवास्तव, सुमित सिंह, हिमांशु चौबे तथा अन्य ने अपना-अपना पक्ष रखा।

तिवारी ने बताया कि न्यायालय में मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश की युगल पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद देर रात अपने आदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लाभार्थियों का टीकारकण करने में वर्गीकरण को उचित नहीं बताया है।

उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय ने टीकाकरण को लेकर राज्य शासन को आगामी शुक्रवार तक अंत्योदय कार्डधारकों का पहले टीकाकरण वाले आदेश को संशोधित कर स्पष्ट नीति बनाने का निर्देश दिया है जिससे सभी वर्गों के लोगों को इसका लाभ मिल सके।

अधिवक्ता ने बताया कि न्यायालय ने यह भी कहा है कि अत्यंत गरीब लोगों को भी टीके से वंचित न किया जाए बल्कि शासन उनके लिए एक हेल्प डेस्क बनाकर, सभी वर्ग के लोगों के लिए टीके का उचित अनुपात निर्धारित करें। उच्च न्यायालय ने राज्य शासन को पूरे मामले में जवाब देने के लिए दो दिन का समय दिया है।

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