वार्षिक खीर भवानी मेला: श्रद्धालुओं ने राजन्य देवी मंदिर में मत्था टेका
By भाषा | Published: June 18, 2021 08:35 PM2021-06-18T20:35:05+5:302021-06-18T20:35:05+5:30
गांदेरबल (जम्मू कश्मीर), 18 जून कोविड-19 भय के बीच सैकड़ों तीर्थयात्रियों ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के गांदेरबल जिले में वार्षिक खीर भवानी मेला के तहत प्रसिद्ध राजन्य देवी मंदिर में मत्था टेका और केंद्र शासित प्रदेश में शांति और महामारी के अंत के लिए प्रार्थना की।
वार्षिक मेला दो साल बाद आयोजित किया गया क्योंकि पिछले साल यह बेहद सादगी से आयोजित किया गया था जिसमें कोविड-19 के प्रकोप के कारण मंदिर में केवल अनुष्ठान पूजा ही की गई थी।
मेले में देश भर से बड़ी संख्या में लोग, विशेष रूप से कश्मीरी पंडित आते हैं। पिछले साल जम्मू कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा महामारी के कारण मेला रद्द कर दिया गया था। यह ट्रस्ट ही इसका आयोजन करता है। इस साल मेले में जुटे सैकड़ों भक्तों ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया।
इस मध्य कश्मीर जिले के तुलमुल्ला गांव स्थित मंदिर में सैकड़ों भक्त घाटी और जम्मू क्षेत्र से आये।
अधिकारियों ने कहा कि इस साल, भक्तों ने कोविड के मद्देनजर उचित व्यवहार का पालन किया और अधिकारियों ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए विस्तृत व्यवस्था की थी। उन्होंने कहा कि भक्तों को छोटे समूहों में मंदिर के अंदर जाने दिया गया और उन्हें सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कहा गया।
कश्मीरी पंडित एवं श्रीनगर के हब्बा कदल इलाके के निवासी संदीप कौल ने कहा, ‘‘दो साल बाद यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है। हालांकि, यह पहले जैसा नहीं था, मुझे बहुत खुशी है कि इस साल मेला मनाया जा रहा है और सैकड़ों भक्त आए हैं।’’
उन्होंने कहा कि भक्तों ने इस साल महामारी के अंत के लिए विशेष प्रार्थना की।
एक अन्य भक्त हीरालाल कौल ने कहा कि खीर भवानी मंदिर कश्मीरी पंडितों के लिए बहुत महत्व रखता है और वार्षिक मेला एक सम्मानित अवसर है।
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