विदेशी मीडिया दुनिया में झूठा नैरेटिव गढ़ रहा है कि हम सरकार के विचारों का पालन-पोषण कर रहे हैंः ANI संपादक स्मिता प्रकाश
By अनिल शर्मा | Updated: April 2, 2023 17:51 IST2023-04-02T17:42:19+5:302023-04-02T17:51:26+5:30
Lokmat Media Conclave: स्मित प्रकाश ने कहा कि मुझे नहीं पता कि कौन यह फैसला करेगा कि आपकी लक्ष्मण रेखा ये है। हम मानते हैं कि जो सच है वही लक्ष्मण रेखा है। लेकिन ये कहें कि इस नियम और इस तरीके से काम करें, तो लोकतंत्र ऐसे काम नहीं करता है। स्मिता प्रकाश ने कहा कि हमारे पास विचारों और दृष्टिकोणों की बहुलता है। और मेरे ख्याल से यह लोकतंत्र की सबसे अच्छी बात है।

विदेशी मीडिया दुनिया में झूठा नैरेटिव गढ़ रहा है कि हम सरकार के विचारों का पालन-पोषण कर रहे हैंः ANI संपादक स्मिता प्रकाश
नागपुरः 'क्या भारतीय मीडिया का पूरी तरह धुव्रीकरण हो चुका है?' विषय पर अपनी राय रखते हुए लोकमत मीडिया कॉन्क्लेव में एएनआई यानी एशियन न्यूज इंटरनेशनल की संपादक (समाचार) स्मिता प्रकाश ने कहा कि ध्रुवीकरण अच्छी बात हैं। क्योंकि आज सबके पास मोबाईल है, सोशल मीडिया है, किसी को किसी के बारे में कहने के लिए हमारी जरूरत नहीं या किसी चैनल की जरूरत नहीं। आज प्रधानमंत्री ने क्या कहा, वह ये बता सकते हैं।
स्मिता ने कहा कि आज राहुल गांधी आरोप लगाते हैं कि मीडिया मुझे कवर नहीं कर रहा, मीडिया पक्षपाती हो गया है। लेकिन भारत जोड़ो यात्रा के एक-एक दिन को भारतीय मीडिया ने कवर किया। राहुल गांधी जब प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं, सारे मीडिया चैनल कवर करते हैं। मीडिया पर यह आरोप लगाना बहुत आसान है कि ये मोदी समर्थक हैं, राहुल समर्थक हैं, पवार समर्थक हैं या फिर ममता समर्थक हैं। गालियां खा खाकर हमारी चमड़ी मोटी हो चुकी है।
विदेशी मीडिया का जिक्र करते हुए स्मिता ने कहा कि विदेशी मीडिया दुनिया में ये नैरेटिव गढ़ रहा है कि भारतीय मीडिया अपना काम नहीं कर रही है। हम खबरों को कवर नहीं कर रहे हैं बल्कि हम सरकार के विचारों का पालन-पोषण कर रहे हैं। तीन दिन पहले टाइम मैगजीन ने एक स्टोरी लिखी थी जिसमें कहा गया था- 'इंडियन टर्नड ए मैनहंट इनटू मास रिप्रेशन. द मीडिया इस फेलिंग टू टेल द राइट स्टोरी।' स्टोरी का मुख्य हिस्सा यह था कि अमृतपाल की गिरफ्तारी के दौरान मानवाधिकार का उल्लंघन किया गया, क्योंकि वहां इंटरनेट और मैसेजेज पर रोक लगा दी गई। लेकिन इनको पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन में इसकी चिंता नहीं होती।
स्मिता प्रकाश ने कहा कि यह कौन तय करेगा कि मीडिया की लक्ष्मण रेखा ये होनी चाहिए। उन्होंने कहा, अलग-अलग पत्रकारों के लिए अलग-अलग लक्ष्मण रेखा हो सकती है। मुझे नहीं पता कि कौन यह फैसला करेगा कि आपकी लक्ष्मण रेखा ये है। हम मानते हैं कि जो सच है वही लक्ष्मण रेखा है। लेकिन ये कहें कि इस नियम और इस तरीके से काम करें, तो लोकतंत्र ऐसे काम नहीं करता है। स्मिता प्रकाश ने कहा कि हमारे पास विचारों और दृष्टिकोणों की बहुलता है। और मेरे ख्याल से यह लोकतंत्र की सबसे अच्छी बात है।
गौरतलब है कि वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी एवं लोकमत के संस्थापक संपादक जवाहरलाल दर्डा की जन्मशताब्दी एवं लोकमत नागपुर संस्करण के स्वर्ण महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में रविवार, 2 अप्रैल को 'क्या भारतीय मीडिया का पूरी तरह धुव्रीकरण हो गया है?" विषय पर रामदासपेठ स्थित होटल सेंटर प्वाइंट में 'लोकमत नेशनल मीडिया कॉन्क्लेव' का आयोजन किया गया है।