स्टालिन के बयान से नाराज देश की 264 जानी-मानी हस्तियों ने सीजेआई को लिखा पत्र, स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: September 5, 2023 15:21 IST2023-09-05T15:20:06+5:302023-09-05T15:21:52+5:30

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को लिखे एक पत्र में, 262 से अधिक हस्ताक्षरकर्ताओं ने शीर्ष अदालत से डीएमके मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा 'सनातन धर्म' के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों पर स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया है।

Angered by Stalin's statement, 264 well-known personalities of the country wrote a letter to the CJI | स्टालिन के बयान से नाराज देश की 264 जानी-मानी हस्तियों ने सीजेआई को लिखा पत्र, स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (फाइल फोटो)

Highlightsतमिलनाडु के मंत्री और मुख्यमंत्री के बेटे उदयनिधि स्टालिन की बढ़ सकती हैं मुश्किलें262 से अधिक जानी-मानी हस्तियों ने सीजेआई को लिखा पत्रअपमानजनक टिप्पणी पर स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया

Sanatan Dharma row: द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद से ही शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को लिखे एक पत्र में, 262 से अधिक हस्ताक्षरकर्ताओं ने शीर्ष अदालत से डीएमके मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा 'सनातन धर्म' के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों पर स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया है। 

सीजेआई  डीवाई चंद्रचूड़ को लिखे पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में 14 पूर्व न्यायाधीश, 130 सेवानिवृत्त नौकरशाह सहित 20 से अधिक विदेशी सेवा अधिकारी और राजदूत और 118 सेवानिवृत्त सेना अधिकारी शामिल हैं। भारत के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित पत्र में दावा किया गया है कि उदयनिधि स्टालिन द्वारा की गई टिप्पणी नफरत फैलाने वाले भाषण के दायरे में आती है और धार्मिक समुदायों के बीच कलह भड़काने में सक्षम है।

पत्र में कहा गया है कि स्टालिन द्वारा दिए गए बयानों ने आम नागरिकों के दिल और दिमाग में पीड़ा पैदा की है, खासकर सनातन धर्म में विश्वास रखने वालों के लिए। पत्र में कहा गया है कि उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी से सांप्रदायिक वैमनस्य और सांप्रदायिक हिंसा हो सकती है।

इस पत्र में शाहीन अब्दुल्ला बनाम भारत सरकार के केस का जिक्र करते हुए कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने ही देश में बढ़ते हेट स्पीच के मामलों को लेकर नाराजगी जताई थी और सरकार व पुलिस प्रशासन से बिना औपचारिक शिकायतों का इंतजार किए स्वतः संज्ञान लेने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर इन मामलों में देरी की गई तो स्थिति गंभीर भी हो सकती है। 

सीजेआई को लिखा पत्र में देश की जानी मानी हस्तियों ने कहा है, "आप सनातन धर्म के महत्ता से अच्छी तरह परिचित हैं। हमारे देश का संविधान अपनी इच्छा से पूजा करने और ईश्वर को मानने की स्वतंत्रता देता है। हम लोग उदयनिधि के बयान से बेहद चिंतित हैं। इस तरह का बयान भारत की एक बड़ी आबादी को चोट पहुंचाने वाला है और संविधान के मूल  सिद्धांत को भी ठेस पहुंचाता है। तमिलनाडु की सरकार ने स्टालिन के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया और उनके बयान का ही समर्थन करने लगी।"

बता दें कि तमिलनाडु के मंत्री और मुख्यमंत्री के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने एक कार्यक्रम में सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की थी और  इसे नष्ट करने की बात बात कही थी। उनके खिलाफ बिहार और दिल्ली में पुलिस में मामले भी दर्ज कराए गए हैं।

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