जब अमित शाह ने सदन में कहा, "मैं गुस्सा नहीं होता, मेरी ऊंची आवाज मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है", लगे ठहाके
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 4, 2022 09:20 PM2022-04-04T21:20:52+5:302022-04-04T21:27:21+5:30
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में चर्चा के दौरान कहा कि मैंने कभी किसी को नहीं डांटा। मेरी आवाज ही थोड़ी ऊंची है। यह मेरा दोष नहीं है, यह तो मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है। मुझे गुस्सा केवल कश्मीर से जुड़े सवाल पर ही आता है।
दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि वो कभी भी गुस्सा नहीं करते हैं, उनकी ऊंची आवाज दरअसल एक मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है। गृह मंत्री की इस बात को सुनकर सदन के सभी सदस्य मुस्कुराने लगे।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें केवल कश्मीर से जुड़े सवालों को लेकर गुस्सा आता है, उसके अलावा वो किसी अन्य बात पर नाराज नहीं होते हैं। सदन के पटल पर आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक 2022 को पारित करने के लिए रखते हुए अमित शाह ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य अपराध की जांच को और अधिक कुशल और तेज बनाना का है और साथ में इस विधेयक से बने कानून के द्वारा अदालतों में फैसले जल्दी हो सकेंगे।
संसद में गृह मंत्री शाह ने निजता के अधिकार सहित विधेयक के बारे में विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाई जा रही आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की। इस दौरान विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों ने विधेयक से संबंधित कुछ टिप्पणी की। जिसके जवाब में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह सबसे पहले "दादा" द्वारा उठाए गए प्रश्न का जवाब देंगे।
दरअसल तृणमूल सांसद ने हल्के-फुल्के अंदाज में चुटकी लते हुए कहा कि गृह मंत्री उन्हें गुस्से में जवाब देते हैं, इस बात को सुनकर अमित शाह ने ऐसा जवाब दिया कि सदन में पक्ष और विपक्ष के सदस्य एक साथ मुस्कुराने लगे।
उन्होंने जबाव देते हुए कहा, "मैंने कभी किसी को नहीं डांटा। मेरी आवाज ही थोड़ी ऊंची है। यह मेरा दोष नहीं है, यह तो मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है। मुझे गुस्सा केवल कश्मीर से जुड़े सवाल पर ही आता है।"
मालूम हो कि संसद ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए एक विधेयक पारित किया था। बिधेयक के पास होने के दौरान गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बीच काफी तीखी नोकझोंक हुई थी
उस समय चौधरी को जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा था, "आपको क्या लगता है कि हम क्या कर रहे हैं। हम देश के लिए अपना जीवन बलिदान करने के लिए तैयार हैं।"
अमित शाह ने संसद में चर्चा के दौरान सदन में प्रस्तावित मौजूदा आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक 2022 विधेयक पर चर्चा करते हुए कहा कि अपराध की जांच को और अधिक कुशलता देने और तेजी लाने के लिए विधेयक में दिये गये मापदंडों के अनुसार चलना आवश्यक है क्योंकि अपराध के अनुसंधान में व्यक्तियों के उचित शारीरिक माप लेना जरूरी है और यह विधेयक इसके लिए कानूनी मंजूरी प्रदान करता है।
सदन में प्रस्तावित विधेयक में उंगलियों के निशान, हथेली के निशान और पैरों के निशान, फोटोग्राफ, आईरिस और रेटिना स्कैन, फिजिकल और बायोलॉजिकल सैंपल और उनके एनालसिस को शामिल करने के लिए शारीरिक 'माप' को परिभाषित करने का प्रयास किया गया है।
यह माप के रिकॉर्ड को एकत्र करने, उन्हें सुरक्षित रखने और रिकॉर्ड के साझा करने के लिए राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो को सशक्त बनाने का प्रयास करता है।
यह विधेयक मजिस्ट्रेट को किसी भी व्यक्ति को शारीरिक माप देने का निर्देश देने और पुलिस या जेल अधिकारी को किसी भी व्यक्ति का माप लेने का अधिकार देता है, जो माप देने का विरोध करता है या इसके लिए मना करता है। गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने लोकसभा में इस बिल को पेश किया है।