भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार अपनी पार्टी को आदिवासियों का पैरोकार बताते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने उनके कल्याण के लिए बजटीय आवंटन कांग्रेस की अगुवाई वाले संप्रग शासन के समय के 30,700 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये कर दिया।शाह ने भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए पिछली संप्रग सरकार पर आदिवासियों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
आदिवासियों को रिझाने की कोशिश उन्होंने कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली सरकार ने खनिज संपदा वाले क्षेत्रों में रह रहे आदिवासियों के विकास एवं कल्याण के लिए भारी रकम से जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) बनाया है, जिन राज्यों में खनन गतिविधियों से लोगों और पर्यावरण पर असर पड़ रहा है, वहां डीएमएफ की रकम का उपयोग किया जा रहा है।समुद्रतटीय इस तीर्थाटन नगरी की शाह की यात्रा को आगामी लोकसभा और ओड़िशा विधानसभा चुनाव से पहले आदिवासियों को पार्टी के प्रति आकर्षित करने की उनकी कवायद के तौर पर देखी जा रहा है। राज्य में एक चौथाई आदिवासी हैं।भाजपा अध्यक्ष की यह पिछली पांच दिनों में दूसरी यात्रा है। उन्होंने 29 जनवरी को कटक जिले के सालेपुर में एक रैली की थी।शाह ने कहा कि आदिवासियों के प्रति भाजपा का प्यार और सम्मान इस तथ्य से स्पष्ट है कि लोकसभा में पार्टी के सबसे अधिक आदिवासी सांसद हैं। संसद के निचले सदन में 32 आदिवासी सासंदों में से 28 भाजपा के हैं।
बीजद सरकार की आलोचना भाजपा अध्यक्ष ने ओड़िशा की बीजद सरकार की भी आलोचना की और उस पर आदिवासियों की उपेक्षा करने और खनन गतिविधियों से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के कल्याण एवं विकास में डीएमएफ कोष का उपयोग करने में विफल रहने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा, ‘‘बीजद सरकार फ्यूज ट्रांसफॉर्मर की तरह है। राज्य की तरक्की के लिए उसे बदलने की जरुरत है।’’