अमित शाह ने संसद में पेश किये दिल्ली सेवा विधेयक कहा, "संविधान केंद्र सरकार को अधिकार देता है दिल्ली के संबंध में कानून पेश करने का"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: August 1, 2023 15:54 IST2023-08-01T15:50:38+5:302023-08-01T15:54:58+5:30

गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में पेश किये गये राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर कहा कि केंद्र सरकार ने संविधान में दिये शक्तियों के अनुरूप ही अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए यह विधेयक संसद में पेश किया है।

Amit Shah introduces Delhi Services Bill in Parliament, says "Constitution empowers Central Government to introduce law with respect to Delhi" | अमित शाह ने संसद में पेश किये दिल्ली सेवा विधेयक कहा, "संविधान केंद्र सरकार को अधिकार देता है दिल्ली के संबंध में कानून पेश करने का"

फाइल फोटो

Highlightsगृह मंत्री अमित शाह ने संसद में पेश किये गये दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक के पक्ष में दिया तर्कउन्होंने कहा कि केंद्र ने संविधान प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए विधेयक को संसद में पेश किया हैदेश का संविधान संसद को दिल्ली के संबंध में कोई भी कानून लाने का अधिकार देता है

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में पेश किये गये राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 के विषय में लोकसभा में कहा कि केंद्र सरकार ने संविधान में दिये शक्तियों के अनुरूप ही अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए यह विधेयक संसद में पेश किया है।

गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय द्वारा पेश किये गये विधेयक के पक्ष में तर्क पेश करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को संसद में कहा, ''संविधान इस संसद को दिल्ली के संबंध में कोई भी कानून लाने का पूरा अधिकार देता है।''

समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार केंद्र की ओर से पेश किये गये इस विधेयक में प्रावधान है कि राष्ट्रीय राजधानी में सरकार के अध्यक्षों, बोर्डों और आयोगों की नियुक्तियां एलजी द्वारा की जाएंगी और प्रशासनिक सेवाओं पर सीधा नियंत्रण एलजी के हाथों में होगा।

अमित शाह ने संसद में पेश किये गये विधेयक की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, ''देश का संविधान केंद्र को शक्ति देता है कि वो देश की राजधानी दिल्ली के संबंध में कोई भी कानून ला सकता है।''

केंद्र सरकार के विधेयक का संसद में समर्थन करते हुए बीजू जनता दल (बीजेडी) सांसद पिनाकी मिश्रा ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट का फैसला कहता है कि दिल्ली के मामले में संसद कोई भी कानून बना सकती है। सभी आपत्तियां राजनीतिक हैं। उनके पास संसदीय बुनियाद का संवैधानिक आधार है। इसलिए, हमें विधेयक पेश करने का अधिकार दीजिए।”

केंद्र की ओर से पेश किये गये विधेयक में प्रस्तावकि है कि राष्ट्रीय राजधानी के अधिकारियों के निलंबन और पूछताछ जैसी कार्रवाई केंद्र के नियंत्रण में होगी। मणिपुर की स्थिति पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों में हंगामे के बीच आज दोपहर इसे पेश किया गया।

वहीं इस विधेयक का विरोध करते हुए सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने इसे भाजपा द्वारा दिल्ली सरकार का गला घोंटने का प्रयास बताया। आप की ओर से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने आरोप लगाया कि भाजपा दिल्ली में पिछले 25 वर्षों से सत्ता कब्जा नहीं कर पायी है, इस कारण वो पिछले दरवाजे से दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने की मंशा रखती है।

सांसद राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि इस विधेयक के जरिये दिल्ली में जनता का शासन खत्म किया जाएगा, लोकतंत्र को कुचला जाएगा और बाबूशाही के जरिये भाजपा दिल्ली पर राज करने का प्लान बना रही है।

उन्होंने कहा, "आज जो अध्यादेश संसद में विधेयक के रूप में लाया गया है, वह देश में और विशेष रूप से दिल्ली में लोकतंत्र को बाबूशाही से बदल देगा। दिल्ली को अब उसकी चुनी हुई सरकार नहीं बल्कि उपराज्यपाल द्वारा कुछ यूपीएससी पास नौकरशाहों द्वारा चलाया जाएगा।"

Web Title: Amit Shah introduces Delhi Services Bill in Parliament, says "Constitution empowers Central Government to introduce law with respect to Delhi"

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