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सरकार का बड़ा फैसला, भारतीय सेना को अब 15 दिन के युद्ध के लिए हथियार और गोला-बारूद जमा करने की छूट

By विनीत कुमार | Published: December 14, 2020 12:20 PM

भारत की सेना अब युद्ध के लिए 15 दिन तक का गोला-बारूद जमा करके रख सकती है। पहले ये सीमा केवल 10 दिन की थी। चीन से तनाव को देखते हुए सरकार ने अब इसे बढ़ा दिया है।

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ठळक मुद्देचीन से तनावपूर्ण रिश्ते और पाकिस्तान से हमेशा मिलती रही चुनौती के बीच भारत सरकार का फैसलाभारतीय सेना अब युद्ध के लिए 15 दिन तक का गोला-बारूद जमा करके रख सकती हैपहले 10 दिन के हथियार के स्टॉक की थी मंजूरी, उरी हमले के बाद स्टॉक को बढ़ाने पर किया जाने लगा था विचार

चीन के साथ जारी तनावपूर्ण रिश्ते के बीच भारत ने सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत भारतीय सेना 15 दिनों के युद्ध के लिए जरूरी हथियार, गोला बारूद  और अन्य साजो-सामान जमा करके रख सकेगी।

न्यूज एजेंसी एएएनआई के अनुसार पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जो हालात बने हुए हैं, उसे देखते हुए सेना की स्थानीय और विदेशी स्रोतों से निकट भविष्य में 50 हजार करोड़ रुपये के हथियार खरीदने की बड़ी योजना है।

पहले 10 दिन के हथियार स्टॉक की थी छूट

इससे पहले तक भारतीय सेना के तीनों अंग केवल 10 दिनों के युद्ध के लिए गोलाबारूद स्टॉक करते थे। हालांकि, भारत के लिए चीन के साथ-साथ पाकिस्तान से भी चुनौती मिलने की आशंका बराबर बनी रहती है। इसलिए इसे अब 10 दिन से बढ़ाकर 15 दिन किया जा रहा है।

सूत्र के अनुसार स्टॉक को बढ़ाने के फैसले को मंजूरी कुछ दिन पहले मिल चुकी है। अधिकारियों के अनुसार बहुत साल पहले सेना को 40 दिन के युद्ध की तैयारी के लिए साजो-सामान को जमा करने की मंजूरी थी। हालांकि, बाद में युद्ध के बदलते तरीकों और हथियारों की कमी वगैरह को देखते हुए इसे 10 दिनों तक के लिए सीमित कर दिया गया।

उरी हमले के बाद स्टॉको बढ़ाने की बनी योजना

उरी हमले के बाद ये महसूस किया गया कि युद्ध के लिए स्टॉक को और बढ़ाने की जरूरत है। इसके बाद तब रक्षा मंत्री रहे मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में इस संबंध में योजना बनाई गई। साथ ही अतिरिक्त वित्तीय शक्तियां भी आर्मी, नेवी और एयर फोर्स को दी गई।

मनोहर पर्रिकर ने तीनों सेनाओं के उप प्रमुखों के खरीद के अधिकार को 100 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये कर दिया था।

साथ ही इमरजेंसी के तौर पर तत्काल 300 करोड़ रुपये भी जारी किए गए ताकि सेना के ये तीनों अंग वो हथियार जल्द से जल्द खरीद सकें जो युद्ध के लिए बेहद जरूरी लगते हैं। 

साल 2015 में CAG ने भी अपनी रिपोर्ट में टू फ्रंट वॉर के लिए 10 दिन के स्टॉक को कम बताया था। सूत्रों के अनुसार इसके बाद से भारत ने तेजी से जरूरी हथियार और गोला-बारूद वगैरह जुटाए हैं।

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