पटना: कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के बीच बिहार में वायरल फीवर बच्चों में कहर बरपा रही है. राजधानी पटना के साथ-साथ राज्य के सभी जिलों में वायरल बुखार के मामले आ रहे हैं.
सबसे हैरत की बात तो यह है कि वायरल बुखार की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे ही हैं. हालात ऐसे हो गए हैं कि पटना के सभी बड़े सरकारी अस्पतालों में बच्चों के इलाज के लिए उपलब्ध बेड फुल होने की स्थिति में हैं.
पटना के बड़े अस्पतालों में 80 फीसदी बेड फुल
राजधानी पटना स्थित पीएमसीएच, एनएमसीएच, आईजीआईएमएस और यहां तक कि पटना एम्स में भी बच्चों के लिए मौजूद बेड फुल होने की स्थिति में हैं. इन चारों अस्पतालों में 80 फीसदी से ज्यादा बच्चों के बेड भर चुके हैं.
पटना में शिशु विभाग के सभी जेनरल बेड भी भर चुके हैं. वहीं, एनएमसीएच में 136 बेड हैं, जिनमें 85 बेड पर बच्चे भर्ती हैं. उसीतरह से मुजफ्फरपुर जिले में भी बच्चों पर वायरल बुखार भारी पड रहा है. एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में एक दिन में 45 बच्चे वायरल बुखार से पीड़ित होकर भर्ती हुए हैं.
आलम यह है कि सौ बेड के पीकू वार्ड में 145 बच्चों का इलाज किया जा रहा हैं. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ गोपाल शंकर सहनी की मानें तो बेड कम रहने के चलते एक बेड पर दो बच्चों का रख इलाज किया जा रहा हैं. उन्होंने कहा कि जिले में बढ़ रहे वायरल बुखार से हो रहे पीड़ित बच्चों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी गई है.
सारण में 3 बच्चों की मौत
राज्य भर से मिले आंकड़ों के अनुसार सारण में अब तक इस वायरल बुखार की चपेट में आने से तीन बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि गोपालगंज में एक बच्चे की मौत हुई है. भागलपुर स्थित जवाहरलाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 70 बेड के शिशु वार्ड में 50 बच्चों का इलाज चल रहा है, जिसमें 20 बच्चे वायरल बुखार से पीड़ित हैं।
सारण के अमनौर प्रखंड के सिरसा खेमकरण टारापुर गांव में पिछले चार दिनों के अंदर वायरल बुखार की वजह से तीन बच्चियों की मौत हुई है. अभी भी इस गांव में तकरीबन 5 दर्जन बच्चे बीमार हैं. मेडिकल टीम इस गांव में कैंप कर रही है. चिंता की बात यह है कि बच्चों को बुखार के दौरान सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड रहा है, जो कोरोना के लक्षण जैसा ही है.
वहीं, गोपालगंज जिले में चमकी बुखार के लक्षण वाले एक बच्चे की मौत के बाद मेडिकल कर्मियों और डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. सरकार इस पूरी स्थिति को लेकर अलर्ट मोड में आ चुकी है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में सीवान, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, सीतामढी सहित कई जिलों के सैकड़ों बच्चे भर्ती हैं.
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ गोपाल शंकर सहनी के अनुसार यह वायरल बुखार कोरोना के वेरिएंट हो सकते हैं. हालांकि पांच बच्चों की रिपोर्ट अब तक के निगेटिव आई है. छह माह तक के बच्चे इस वायरल बुखार की चपेट में सबसे ज्यादा आ रहे हैं.