अमरनाथ यात्रा लगभग समाप्ती की ओर, अब श्रद्धालुओं को नहीं मिलेगी यात्रा में शिरकत करने की इजाजत

By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 20, 2023 02:43 PM2023-08-20T14:43:16+5:302023-08-20T15:02:19+5:30

जम्मू में बाबा अमरनाथ यात्रा लगातार दूसरे वर्ष समाप्ती तारीख से पहले ही सैद्धांतिक तौर पर समाप्त कर दी गई है।

Amarnath Yatra nears its end, now devotees will not be allowed to attend | अमरनाथ यात्रा लगभग समाप्ती की ओर, अब श्रद्धालुओं को नहीं मिलेगी यात्रा में शिरकत करने की इजाजत

फाइल फोटो

Highlightsजम्मू में बाबा अमरनाथ यात्रा पर प्रशासन ने समाप्ति की तारीख से पहले लगाई ब्रेक लगातार दूसरे साल श्रावण पूर्णिमा से कई दिन पहले श्रद्धालु नदारद हुए तो यात्रा की गई समाप्तहालांकि यात्रा आधिकारिक रूप से 31 अगस्त को छड़ी मुबारक कार्यक्रम के साथ समाप्त होगी

जम्मू: बाबा अमरनाथ यात्रा लगातार दूसरे वर्ष समाप्ती तारीख से पहले ही सैद्धांतिक तौर पर समाप्त कर दी गई है। श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं की कमी को देखते हुए अब नये श्रद्धालुओं के जाने पर रोक लगा दी है। हालांकि उसका कहना था कि 62 दिवसीय अमरनाथ यात्रा, जो कि इस वर्ष 1 जुलाई को शुरू हुई थी। वह 31 अगस्त को छड़ी मुबारक के कार्यक्रम के साथ समाप्त होगी।

श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक इस वर्ष अमरनाथ यात्रा में भारी भीड़ देखी गई है और अब तक 4.4 लाख से अधिक तीर्थयात्री पवित्र अमरनाथजी तीर्थस्थल पर दर्शन कर चुके हैं। श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्रियों के प्रवाह में काफी कमी और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा संवेदनशील हिस्सों पर यात्रा ट्रैक की तत्काल मरम्मत और रखरखाव के कारण, पवित्र गुफा की ओर जाने वाले दोनों ट्रैक पर तीर्थयात्रियों की आवाजाही कम हो गई है। इसलिए कारण से अमरनाथ यात्रा 23 अगस्त से दोनों मार्गों से अस्थायी रूप से निलंबित रहेगी। वहीं 31 अगस्त को समाप्ति यात्रा की समाप्ती पारंपरिक छड़ी मुबारक से संपन्न होगी।

दरअसल अमरनाथ यात्रियों की संख्या में कमी आने के कई अन्य कारणों में जम्मू-पठानकोट नेशनल हाईवे पर दो पुलों को बंद कर दिए जाने से बनी अव्यवस्था के अतिरिक्त हिमलिंग का पिघल जाना भी शामिल है। पिछले साल भी खराब मौसम के कारण कई दिन पहले ही यात्रा की समाप्ति की घोषणा कर दी गई थी और फिर रक्षाबंधन के दिन छड़ी मुबारक की स्थापना की औपचारिकता निभाई गई थी। इस बार भी यह औप्चारिकता निभाई जाएगी।

इस बार यह यात्रा 31 अगस्त तक रक्षाबंधन के दिन तक चलनी थी और प्रशासन की परेशानी यह है कि वह 200 से 300 के बीच शामिल हो रहे श्रद्धालुओं के लिए अब 2 लाख के करीब सुरक्षाकर्मियों की सुरक्षा तैनात के लिए राजी नहीं है। हालांकि शुरू में प्रशासन को यह उम्मीद थी कि संख्या बरकरार रहेगी, पर ऐसा हुआ नहीं।

जानकारी के लिए श्रद्धालुओं की संख्या में कमी के कारण लंगर वालों ने इस माह के आरंभ में ही अपना सामान समेटना शुरू कर दिया था। दो तिहाई से अधिक लंगर वाले लौट चुके हैं। बालटाल, पहलगाम से यात्रा मार्ग पर कई शिविरों में लंगर भी वापिस जा चुके हैं। चूंकि श्रद्धालुओं की संख्या कम हो रही है इसलिए लंगर कम होना शुरू हो गए थे। अंत तक दो चार लंगर रहेंगे।

यह सच है कि पिछले कई सालों की यह परंपरा बन चुकी है कि यात्रा के प्रतीक हिमलिंग के पिघलने के उपरांत यात्रा हमेशा ढलान पर रही है। और श्राइन बोर्ड की तमाम कोशिशों के बावजूद हिमलिंग यात्रा के शुरू होने के कुछ ही दिनों के उपरांत पूरी तरह से पिघल जाता रहा है।

ऐसे में श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि अब अमरनाथ यात्रा की अवधि पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता आन पड़ी है। दरअसल कई सालों से यात्रा की अवधि को दो से अढ़ाई माह किया गया है, जबकि कई संस्थाओं ने इसे घटाने के सुझाव दिए हैं।

लंगर लगाने वाली संस्थाओं ने इसे घटा कर 25 से 30 दिनों तक ही सीमति करने का आग्रह कई बार किया है। अगर देखा जाए तो यात्रा की अवधि कम करने की बात पर्यावरण विभाग और अलगाववादी भी पर्यावरण की दुहाई देते हुए अतीत में करते रहे हैं पर अब अधिकारियों को लगने लगा है कि हिमलिंग के पिघल जाने के उपरांत यात्रा में श्रद्धालुओं की शिरकत को जारी रख पाना संभव नहीं है जब तक कि हिमलिंग को सुरक्षित रखने के उपाय नहीं ढूंढ लिए जाते।

Web Title: Amarnath Yatra nears its end, now devotees will not be allowed to attend

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