नई दिल्ली: अल्ट न्यूज (Alt News) के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने अब देश की शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। गुरुवार को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने खिलाफ उत्तर प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर हुईं सभी 6 एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। वहीं मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही दिल्ली की अदालत ने शुक्रवार दोपहर 2 बजे के लिए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है।
जुबैर को पिछले महीने दिल्ली पुलिस ने 2018 के एक ट्वीट पर गिरफ्तार किया था, जिसमें कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है। उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश में छह अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे। यूपी के हाथरस की एक अदालत ने गुरुवार को जुबैर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया, यानी अगर उसे दिल्ली में जमानत मिल भी गई तब भी उन्हें जेल में ही रहना होगा।
इससे पहले अदालत ने जानना चाहा कि जुबैर के 2018 के ट्वीट से कितने लोग आहत हुए थे और क्या पुलिस ने कानून के अनुसार आवश्यक बयान दर्ज किए थे। विशेष लोक अभियोजक विवरण के रूप में केवल 'ट्वीट और रीट्वीट' की पेशकश कर सकता था, जिस पर अदालत ने जवाब दिया, "आप ट्वीट और रीट्वीट पर नहीं जा सकते। आपको सीआरपीसी (आपराधिक प्रक्रिया संहिता) द्वारा जाना होगा और बयान दर्ज करना होगा।"
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर के लिए अंतरिम जमानत को अगले आदेश तक बढ़ा दिया है। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में एक ट्वीट के लिए दायर मामले में जिसमें उन्होंने तीन हिंदू संतों को 'नफरत फैलाने वाले' कहा। शीर्ष अदालत इस पर 7 सितंबर को सुनवाई करेगी।