हिंदी साहित्य की स्तंभ लेखिका महादेवी वर्मा को हिंदी साहित्य भले ही याद करना भूल जाए लेकिन इलाहाबाद नगर निगम नहीं भूला। महादेवी वर्मा के निधन के 30 साल बाद नगर निगम ने नोटिस जारी करके प्रत्यक्ष रूप से 44,816 रुपये टैक्स जमा करने को कहा है। टैक्स अधिकारी पीके मिश्रा का कहना है कि अशोक नगर के नवादा स्थित आवास महादेवी वर्मा के नाम पर ही है। अभी तक महादेवी वर्मा के घर के ट्रस्ट की संपत्ति का आवेदन नहीं किया है। अगर वो आवेदन करते हैं तो हम इसे सदन में रखेंगे। हालांकि नगर आयुक्त ने इसे भूल बताते ही दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
महादेवी वर्मा का निधन 1987 में हुआ था। TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार निधन से दो साल पहले महादेवी वर्मा ने एक ट्रस्ट 'साहित्य न्यास' की स्थापना की थी। इस ट्रस्ट को उन्होंने अपना मकान सहित सारी सम्पत्ति दान कर दी थी। वर्तमान में रामजी पांडे अपने परिवार के साथ यहां रहते हैं। 4 नवंबर 2017 को नगर निगम ने रामजी पांडे को हाउस टैक्स का नोटिस दिया था। महादेवी वर्मा के ट्रस्ट का कामकाज भी रामजी पांडे का परिवार ही देख रहा है।
महादेवी वर्मा के नाम जारी नोटिस में कहा गया है कि हाजिर होकर 15 दिनों के अंदर हाउस टैक्स जमा कराएं नहीं तो प्रशासन घर की कुर्की करेगा।
साहित्यिक दुनिया से करीबी लगाव रखने वाले लेखक और प्राध्यापक धनंजय चोपड़ा ने कहा कि यह बड़े शर्म की बात है कि महादेवी वर्मा के शहर में रहकर लोग उन्हें ही नहीं जानते। यह एक महान शख्सियत का अपमान है। कवि यश मालवीय ने कहा कि महादेवी को दुनिया जानती है लेकिन इलाहाबाद नगर निगम के अधिकारियों को ही नहीं पता।