इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी: वंशवाद और जातिवाद से बुरी तरह ग्रस्त हैं उच्च और सर्वोच्च न्यायालय

By रोहित कुमार पोरवाल | Published: July 3, 2019 10:40 AM2019-07-03T10:40:32+5:302019-07-03T10:59:05+5:30

न्यायमूर्ति रंगनाथ पांडेय ने पत्र में लिखा है, ''भारतीय न्याय व्यवस्था में 34 वर्षों के अपने निजी अनुभव तथा उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश होने के नाते उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय में व्याप्त विसंगतियों की तरफ ध्यान आकृष्ट कराने के उद्देश्य से बेहद भारी मन से यह पत्र लिखना प्रासंगिक और अपना कर्तव्य समझता हूं।''

Allahabad HC judge Rang Nath Pandey writes PM Modi nepotism and casteism in High & Supreme Court | इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी: वंशवाद और जातिवाद से बुरी तरह ग्रस्त हैं उच्च और सर्वोच्च न्यायालय

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति रंगनाथ पांडेय ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर जरूरी विषय पर ध्यान खींचा है। (फोटो- एएनआई और फेसबुक))

Highlightsइलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति रंगनाथ पांडेय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर न्याय पालिका में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार की तरफ ध्यान खींचा है।जस्टिस रंगनाथ पांडेय ने पत्र में लिखा है कि हाई और सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्तियों की नियुक्तियों में वंशवाद और जातिवाद प्रचलित कसौटी है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति रंगनाथ पांडेय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर न्यायपालिका के कथित भ्रष्टाचार की तरफ उनका ध्यान खींचने की कोशिश की है। न्यायमूर्ति रंगनाथ पांडेय ने पत्र में लिखा है कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट वंशवाद और जातिवाद से बुरी तरह ग्रस्त हैं। उन्होंने पत्र की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा चुनाव में जीत की बधाई देकर की है। लिखा है कि ''इस विजय के प्रकाश ने भारतीय राजनीतिक पटल पर वंशवाद की काली छाया को समाप्त कर दिया है।'' इसके बाद उन्होंने न्याय पालिका के कथित भ्रष्टाचार की बात पत्र में की है। 

न्यायमूर्ति रंगनाथ ने पत्र में लिखा है, ''भारतीय न्याय व्यवस्था में 34 वर्षों के अपने निजी अनुभव तथा उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश होने के नाते उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय में व्याप्त विसंगतियों की तरफ ध्यान आकृष्ट कराने के उद्देश्य से बेहद भारी मन से यह पत्र लिखना प्रासंगिक और अपना कर्तव्य समझता हूं।''

न्यायमूर्ति रंगनाथ ने पत्र में आगे लिखा है, ''भारतीय संविधान भारत को एक लोकतांत्रिक राष्ट्र घोषित करता है तथा इसके तीन में से एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण न्यायपालिका (उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय) दुर्भाग्यवश वंशवाद और जातिवाद से बुरी तरह ग्रस्त हैं। यहां न्यायाधीशों के परिवार का सदस्य होना ही अगला न्यायाधीश होना सुनिश्चित करता है। राजनीतिक-कार्यकर्ता का मूल्यांकन अपने कार्य के आधार पर ही चुनाव में जनता के द्वारा किया जाता है। प्रशासनिक अधिकारी को सेवा में आने हेतु प्रतियोगी परीक्षाओं की कसौटी पर खरा उतरना होता है। अधीनस्थ न्यायालय के न्यायाधीशों को भी अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं में योग्यता सिद्ध कर ही चयनित होने का अवसर प्राप्त होचा है परंतु उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति का हमारे पास कोई निश्चित मापदंड नहीं है। प्रचलित कसौटी है तो केवल परिवारवाद और जातिवाद।''


समाचार एजेंसी एएनआई ने पत्र का इतना हिस्सा ही ट्वीट किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक न्यायमूर्ति रंगनाथ पांडेय ने पत्र में और भी कई जरूरी बातें लिखी हैं। उन्होंने लिखा है कि मोदी सरकार द्वारा राष्ट्रीय न्यायिक चयन आयोग की स्थापना के प्रयास से न्यायपालिका में पारदर्शिता की आशा जगी थी लेकिन शीर्ष अदालत ने सरकार के कदम को उसके अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप मानते हुए असंवैधानिक करार दे दिया था। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की अति सक्रियता आंखें खोलने वाला प्रकरण साबित होती है।

Web Title: Allahabad HC judge Rang Nath Pandey writes PM Modi nepotism and casteism in High & Supreme Court

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