मुंबई:महाराष्ट्र में विपक्षी दल महाविकास अघाड़ी गठबंधन से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को स्पष्ट चेतावनी दी है कि छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करने वाले गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी की भले ही यहां से विदाई हो जाए लेकिन 8 से 18 दिसंबर के बीच तय विरोध मार्च होकर रहेगा।
इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष और एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं के बीच बैठक हुई बैठक में तय किया गया है कि सरकार चाहे विपक्ष के दबाव में मराठा गौरव के प्रतीक शिवाजी का अपमान करने वाले गवर्नर की विदाई करा दे लेकिन महाविकास अघाड़ी का विरोध मार्च होकर रहेगा।
खबरों के मुताबिक अजित पवार के बंगले पर हुई बैठक में शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत, जयंत पाटिल, मिलिंद नार्वेकर मौजूद थे। वहीं अजित पवार द्वारा की गई प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के बालासाहेब थोराट भी मौजूद थे। सत्ता गंवाने के बाद पहली बार हुई महाविकास अघाड़ी की प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों को बताया गया कि 17 दिसंबर के मार्च में समाजवादी पार्टी के अबु आजमी, कपिल पाटिल, शेतकारी लेबर पार्टी के जयंत पाटिल जैसे सभी घटक दल भी हिस्सा लेंगे।
मार्च के विषय में बात करते हुए अजित पवार ने कहा, रविवार को महाविकास अघाड़ी में शामिल दलों की मेरे आवास पर बैठक हुई और उसमें तय हुआ छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में राज्यपाल द्वारा बेतुके बयान का विरोध जारी रहेगा, भले ही राज्यपाल की विदाई हो जाती है। इसके साथ ही अजीत पवार ने इस बात को भी दोहराया कि 8 से 18 दिसंबर के बीच होने वाले मार्च के लिए गठबंधन में शामिल सभी दल लग गये और इस मार्च में उन्हें अन्य राजनैतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है।
वहीं तेलंगाना और कर्नाटक के साथ सीमा विवाद पर अजित पवार ने कहा कि नांदेड़ के देगलूर में रहने वाले लोगों ने कभी हमसे नहीं कहा कि वो तेलंगाना जाने के लिए तैयार हैं। ये भाजपा की साजिश है, अब सांगली, सोलापुर के लोग भी ऐसी ही बातें कर रहे हैं। गुजरात की सीमा पर भी कहा जा रहा है कि लोग ऐसी बात कर रहे हैं लेकिन सीमावर्ती गांवों ने ऐसी कोई इच्छा नहीं जताई है।
एनसीपी नेता अजीत पवार ने मोजूदा सरकार पर आरोप लगाया कि इस सरकार ने नासिक जिले में एनसीपी नेता छगन भुजबल द्वारा उद्योगों को लगाने के लिए किए गए प्रावधानों को बंद कर दिया, जिसके कारण वहां बड़े उद्योग नहीं गये। उन्होंने कहा कि जो उद्योग महाराष्ट्र में हैं, उन्हें भी खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। अजीत पवार ने कहा कि ये सरकार क्या नई इंडस्ट्री लाएगी, ये तो लगी हुई इंडस्ट्री को भी ठीक से नहीं चलने दे रही है।