वायु प्रदूषण: न्यायालय ने स्मॉग टॉवर की पायलट परियोजना के लिए तीन महीने का समय दिया
By भाषा | Published: December 17, 2019 05:24 AM2019-12-17T05:24:47+5:302019-12-17T05:24:47+5:30
न्यायालय ने नौ महीने का समय देने के दोनों सरकारों के आग्रह को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा, ‘‘आपको और समय (आठ से नौ महीने) नहीं मिल सकता।
उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए यहां कनॉट प्लेस में ‘स्मॉग टॉवर’ स्थापित करने की पायलट परियोजना के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार को सोमवार को तीन महीने का समय दिया।
न्यायालय ने नौ महीने का समय देने के दोनों सरकारों के आग्रह को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा, ‘‘आपको और समय (आठ से नौ महीने) नहीं मिल सकता। हम एक और साल व्यर्थ नहीं करना चाहते।’’
केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ए एन एस नादकर्णी ने शीर्ष अदालत को बताया कि उन्होंने इस संबंध में शपथपत्र दायर किया है। पीठ ने पूछा, ‘‘पायलट परियोजना (स्मॉग टॉवर से संबंधित) के क्रियान्वयन के लिए आपको कितना समय चाहिए।’’
नादकर्णी ने कहा कि पायलट परियोजना के तहत ‘स्मॉग टॉवर’ स्थापित करने के लिए न्यूनतम पांच से छह महीने का समय चाहिए। दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि इसके लिए कम से कम आठ से नौ महीने का समय चाहिए।
पीठ ने संबंधित प्रौद्योगिकी से जुड़ी उच्चस्तरीय समिति में शामिल आईआईटी प्रोफेसर से भी इस बारे में पूछा। प्रोफेसर ने इस पर कहा कि पायलट परियोजना का काम अगले साल अगस्त या सितंबर तक पूरा हो जाएगा। पीठ ने तीनों की बात सुनने के बाद कहा, ‘‘हम आपको पायलट परियोजना (कनॉट प्लेस में) के लिए तीन महीने का समय दे रहे हैं। आप इसे तीन महीने में पूरा करने में सक्षम हैं।’’