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कर्ज में डूबी है एयर इंडिया फिर भी कर्मचारियों में है सबसे ज्यादा अकड़! ऐसे हैं यात्रियों के अनुभव

By पल्लवी कुमारी | Updated: September 5, 2018 18:26 IST

डीजीसीए ने 2018 के जुलाई महीने में सामने आए आकड़ों पर कहा, डोमेस्टिक सेक्टर में उड़ान भरने वाली तमाम शेड्यूल्ड एयरलाइंस में एयर इंडिया के खिलाफ यात्रियों की सबसे अधिक शिकायतें मिली हैं।

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नई दिल्ली, 05 सिंतबर: देश के सारे एयरलाइंस के हवाई जहाजों में यात्रा करने वाले यात्रियों को सबसे ज्यादा शिकायत एयर इंडिया से रहती है। इसमें स्टाफ से लेकर पैसेंजर तक की सारी समस्याएं हैं। चाहे वह स्टाफ का यात्रियों से ठीक से बात न करना हो या बैगेज की कोई समस्या हो या फिर कस्टमर सर्विस से संबंधित समस्याएं है। यहां तक की डोमेस्टिक सेक्टर में उड़ान भरने वाली तमाम एयरलाइंस के मुकाबले एयर इंडिया की फ्लाइट्स ने देरी से टेकऑफ किए। इससे भी यात्रियों में काफी आक्रोश है। 

क्या पहली बार प्लेन में बैठो हो 

एयर इंडिया से सफर कर चुके कुछ यात्रियों  अखबार नवभारत टाइस्म को बताया कि अगर ऑन बोर्ड फ्लाइट के अंदर कोई यात्री एयर होस्टेस या फ्लाइट परिसर से खाने-पीने, एसी या फिर सीट से संबंधित किसी तरह की शिकायतें करते हैं तो पहली-दूसरी बार तो क्रू मेंबर उनसे ठीक से बात करते हैं। लेकिन ठीक इसी के बाद कई बार यात्रियों को एयर होस्टेस यह तक कह देती हैं कि क्या पहली बार प्लेन में बैठे हो?

एयर इंडिया के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें 

डीजीसीए ने 2018 के जुलाई महीने में सामने आए आकड़ों पर कहा, डोमेस्टिक सेक्टर में उड़ान भरने वाली तमाम शेड्यूल्ड एयरलाइंस में एयर इंडिया के खिलाफ यात्रियों की सबसे अधिक शिकायतें मिली हैं। तमाम डोमेस्टिक एयरलाइंस के लिए ये शिकायतें 714 थीं। इनमें एयर इंडिया की 287 शिकायतें थीं। 

ये हैं प्रमुख शिकायतें

यात्रियों द्वारा की गई इन शिकायतों पर अन्य सभी एयरलाइंस ने तुरंत कार्रवाई की और तमाम शिकायतों का निपटारा करते हुए अपने यात्रियों को संतुष्ट भी किया। डीजीसीए के रिपोर्ट के मुताबिक एयर इंडिया ने अपनी 287 शिकायतों में से 222 का निपटारा किया। मिली शिकायतों में कस्टमर सर्विस, फ्लाइट प्रॉब्लम, बैगेज, स्टाफ बिहेवियर और डिसऐबिलिटी से संबंधित शिकायतें थीं। डोमेस्टिक सेक्टर में फ्लाइट्स कैंसिलेंशन में भी एयर इंडिया अन्य शेड्यूल्ड एयरलाइंस के मुकाबले टॉप पर रही। फ्लाइट्स टेकऑफ में भी एयर इंडिया की फ्लाइट्स सबसे अधिक देरी से टेकऑफ कर पाईं।

आखिर क्यों मिलती हैं सबसे ज्यादा शिकायतें

सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया की जिन उड़ानों में देरी होती है उनमें आधी से ज्यादा के पीछे उचित प्रबंधन का अभाव एक बड़ा कारण बताया जाता है। लेकिन नियंत्रक एंव महालेखा परीक्षक (कैग) की हालिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि दिल्ली और मुम्बई से वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान दिल्ली से देर से जाने वाली उड़ानों में 23 प्रतिशत की वजह पूरी तरह एयरलाइंस के कंट्रोल में था। वह चाहते तो इन फ्लाइटों को देरी से बचा जा सकते थे। इस रिपोर्ट में मुम्बई एयरपोर्ट पर इनका से भी 26 प्रतिशत जो, विमाने देरी से चली थी उसके लिए भी एयरलाइंस ही जिम्मेदार था। बता दें कि यदि कोई विमान तय समय से 15 मिनट से ज्यादा की देरी से उड़ान भरता है तो उसकी एंट्री देरी से उड़ान भरने वाली सूची में होती है। 

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