कृषि विधेयकः पंजाब में प्रदर्शन जारी, विरोध में रेल रोको प्रदर्शन शुरू, ट्रेन सेवाएं निलंबित, रेल पटरियों पर पालथी मारकर बैठे

By भाषा | Published: September 24, 2020 03:12 PM2020-09-24T15:12:11+5:302020-09-24T15:12:11+5:30

रेल अधिकारियों ने बताया कि 14 जोड़ी विशेष ट्रेनें 24 सितंबर से 26 सितंबर तक निलंबित रहेंगी। उन्होंने बताया कि यह फैसला यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे संपत्ति को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

Agriculture Bill Demonstration continues Punjab rail stop protest begins train services suspended | कृषि विधेयकः पंजाब में प्रदर्शन जारी, विरोध में रेल रोको प्रदर्शन शुरू, ट्रेन सेवाएं निलंबित, रेल पटरियों पर पालथी मारकर बैठे

समिति के प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें सरकारी कर्मचारियों और श्रमिकों के कई तबकों से समर्थन मिल रहा है। (photo-ani)

Highlights‘रेल रोको’ प्रदर्शन शुरू किया और इसी के मद्देनजर फिरोजपुर रेल संभाग ने विशेष ट्रेनों के परिचालन को रोक दिया।‘रेल रोको’ प्रदर्शन किसान मजदूर संघर्ष समिति ने आहूत किया और बाद में अलग-अलग किसान संगठनों ने भी इसे अपना समर्थन दिया है। भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण) के कार्यकर्ता बरनाला और संगरूर में बृहस्पतिवार सुबह रेल पटरियों पर पालथी मारकर बैठ गए।

चंडीगढ़ः पंजाब में तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ बृहस्पतिवार से किसानों ने तीन दिवसीय ‘रेल रोको’ प्रदर्शन शुरू किया और इसी के मद्देनजर फिरोजपुर रेल संभाग ने विशेष ट्रेनों के परिचालन को रोक दिया।

रेल अधिकारियों ने बताया कि 14 जोड़ी विशेष ट्रेनें 24 सितंबर से 26 सितंबर तक निलंबित रहेंगी। उन्होंने बताया कि यह फैसला यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे संपत्ति को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि गोल्डेन टेम्पल मेल (अमृतसर-मुंबई मध्य), जन शताब्दी एक्सप्रेस (हरिद्वार-अमृतसर), नयी दिल्ली-जम्मू तवी, कर्मभूमि (अमृतसर-न्यू जलपाइगुड़ी), सचखंड एक्सप्रेस (नांदेड़-अमृतसर) और शहीद एक्सप्रेस (अमृतसर-जयनगर) निलंबित ट्रेनों की सूची में शामिल हैं।

कोविड-19 महामारी की वजह से नियमित यात्री ट्रेनें पहले से ही निलंबि

मौजूदा समय में कोविड-19 महामारी की वजह से नियमित यात्री ट्रेनें पहले से ही निलंबित हैं। ‘रेल रोको’ प्रदर्शन किसान मजदूर संघर्ष समिति ने आहूत किया और बाद में अलग-अलग किसान संगठनों ने भी इसे अपना समर्थन दिया है। भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण) के कार्यकर्ता बरनाला और संगरूर में बृहस्पतिवार सुबह रेल पटरियों पर पालथी मारकर बैठ गए।

किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने अमृतसर के देवीदासपुर और फिरोजपुर के बस्ती टांका वाला में रेल पटरियों पर बैठने का निर्णय लिया है। समिति के प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें सरकारी कर्मचारियों और श्रमिकों के कई तबकों से समर्थन मिल रहा है।

समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों, मंत्रियों, सांसदों और विधायकों से अपील की है कि वे किसानों के प्रदर्शन में हिस्सा न लें। कार्यकर्ताओं ने भाजपा नेताओं और उन लोगों का सामाजिक बहिष्कार करने का संकल्प लिया है, जिन्होंने इन विधेयकों के समर्थन में मतदान किया।

कुल 31 किसान संगठनों ने कृषि विधेयकों के खिलाफ 25 सितंबर को पंजाब में पूर्ण बंद का आह्वान किया है। पंजाब में किसानों ने आशंका व्यक्त की है कि इन विधेयकों के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म करने का रास्ता साफ हो जाएगा और वे बड़े पूंजीपतियों की ‘दया’ पर निर्भर हो जाएंगे।

राज्यसभा में आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020, किसान उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (प्रोत्साहन एवं सुविधा) विधेयक 2020 तथा किसान (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन का समझौता एवं कृषि सेवा विधेयक 2020 पारित हो चुका है।

Web Title: Agriculture Bill Demonstration continues Punjab rail stop protest begins train services suspended

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