कोविड टीके को परस्पर मान्यता देने के लिए 11 देशों के साथ समझौता किया : सरकार
By भाषा | Published: October 20, 2021 08:34 PM2021-10-20T20:34:59+5:302021-10-20T20:34:59+5:30
नयी दिल्ली, 20 अक्टूबर स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारत ने ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी सहित 11 देशों से राष्ट्रीय स्तर पर या विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा मान्यता प्राप्त कोविड-19 टीके को परस्पर मान्यता प्रदान करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और पूर्ण टीकाकरण करा चुके इन देशों के यात्रियों को बिना गृह-पृथकवास या जांच के हवाई अड्डे को छोड़ने की अनुमति दी जा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए संशोधित दिशानिर्देश बुधवार को जारी किए गए। मंत्रालय ने बताया कि नए नियम इस विषय पर 17 फरवरी 2021 या उससके बाद घोषित दिशानिर्देशों का स्थान लेंगे।
मंत्रालय ने बताया कि ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, नेपाल, बेलारुस, लेबनान, अर्मेनिया, यूक्रेन, बेल्जियम, हंगरी और सर्बिया वे देश हैं जिनके साथ सरकार ने पूर्ण टीकाकरण के राष्ट्रीय स्तर पर जारी प्रमाण पत्र को या डब्ल्यूएचओ द्वारा मान्यता प्राप्त कोविड- 19 टीके को परस्पर आधार पर मान्यता देने के लिए करार किया है या ये देश पूर्ण टीकाकरण करा चुके भारतीय नगारिकों को छूट दे रहे हैं।
संशोधित दिशानिर्देश के मुताबिक जिन देशों के साथ भारत का डब्ल्यूएचओ मान्यता प्राप्त टीकों को लेकर परस्पर समझौता है, वहां से पूर्ण टीकाकरण करा कर आ रहे यात्रियों को हवाई अड्डा से जाने की अनुमति दी जाएगी और उन्हें गृह पृथकवास में रहने की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि, उन्हें आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट दिखाने की जरूरत होगी।
संशोधित दिशानिर्देश के मुताबिक ऐसे यात्रियों को यहां आने पर स्वयं 14 दिनों तक अपनी सेहत की निगरानी करनी होगी। हालांकि, आंशिक टीकाकरण कराने वाले या टीके की खुराक नहीं लेने वाले यात्रियों को आने के बाद कोविड-19 जांच के लिए नमूना देने के बाद ही हवाई अड्डा छोड़ने की अनुमति दी जाएगी और उन्हें सात दिन तक गृह पृथकवास में रहना होगा, आठवें दिन दोबारा जांच होगी व निगेटिव रिपोर्ट आने पर अगले सात दिन वे स्वयं अपनी सेहत पर नजर रखेंगे।
दिशानिर्देश के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे और ब्रिटेन सहित यूरोप के कुछ देशों को उस सूची में रखा गया हैं जहां से भारत आए यात्रियों को अतिरिक्त प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा।
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