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दूसरी लहर के बाद कोविड के दीर्घकालिक लक्षण के मामले चार गुना बढ़े

By भाषा | Updated: July 16, 2021 19:47 IST

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नयी दिल्ली, 16 जुलाई दिल्ली के एक निजी अस्पताल में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद कोविड के दीर्घकालिक लक्षणों के मामले पिछले साल इस अवधि की तुलना में चार गुना बढ़ गए हैं। अस्पताल अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है।

दीर्घकालिक कोविड एक ऐसी स्थिति है जिसमें संक्रमण से उबरने के बाद भी लोगों में उम्मीद से अधिक समय तक संक्रमण के लक्षण दिखते हैं। दिल्ली में अप्रैल-मई में कोरोना वायरस की घातक दूसरी लहर आई थी जिसमें संक्रमण के दैनिक मामलों की संख्या बेहताशा बढ़ गई थी साथ में अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी देखी गई थी।

अपोलो अस्पताल के एक प्रवक्ता ने बताया कि कोविड के लंबे समय तक रहने वाले लक्षणों और संक्रमण से उबरने के बाद की जटिलताओं के मामले अस्पताल में पिछले साल की तुलना में ‘चार गुना’ बढ़ गए हैं और यह महामारी की दूसरी लहर के बाद हुआ है।

अस्पताल अधिकारियों ने बताया कि कोविड की दूसरी लहर, पहली लहर की तुलना में काफी ज्यादा संक्रामक थी। इस बार वायरस का चिंताजनक स्वरूप अलग था और नए लक्षण थे, जिनमें तेज बुखार, अतिसार, फेफड़ों में गंभीर संक्रमण आदि और इसके बाद कोविड के दीर्घकालिक लक्षण और कोविड से उबरने के बाद की जटिलाएं शामिल हैं। उनके मुताबिक, संक्रमित पाए जाने के आठ या इससे भी ज्यादा वक्त बाद ऑक्सीजन का स्तर गिरना और फेफड़ों में फ्राइब्रोसिस (एक ऐसी स्थिति जिसमें फेफड़ा जितना क्षतिग्रस्त हो गया है, वह कभी ठीक नहीं होगा) देखा गया है।

उन्होंने बताया कि संक्रमित पाए जाने के 20-30 दिन बाद कोविड के दीर्घकालिक लक्षण और कोविड से उबरने के बाद की जटिलताओं को लेकर बड़ी संख्या में लोग अस्पताल में भर्ती किए गए हैं।

डॉक्टरों ने बताया कि इन मरीजों में शुरुआती तौर पर उबरने के चार हफ्ते बाद भी बीमारी के लक्षण दिखते हैं। कोविड से उबरने के बाद की जटिलताओं में, कई मरीजों ने बताया कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई और थकान लंबे वक्त तक रही।

उन्होंने बताया कि बार-बार सिर्द होना, बुखार, फेफड़ों में फ्राइब्रोसिस होना, नब्ज़ का बढ़ जाना, जठरांत्र से संबंधित विभिन्न समस्याएं और कुछ गैर सामान्य जटिलताएं थी, जिनमें यौन समस्या, बाल झड़ना और महिलाओं में मासिक धर्म में परेशानी आदि शामिल हैं।

एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर पड़ने से कुछ मरीजों में ब्लैक फंगस और दूसरे संक्रमण भी हुए। ऐसे मरीजों के ठीक होने में उम्मीद से ज्यादा वक्त लगा।

अस्पताल में फेफड़ा प्रत्यर्पण और कोविड टीम के प्रमुख डॉ एमएस कंवर ने कहा कि देश में कोविड की दूसरी लहर के बाद अस्पताल में संक्रमित होने के आठ हफ्ते बाद भी जटिलताओं के मध्यम से गंभीर मरीज बड़ी संख्या में आए।

उन्होंने कहा कि यह संख्या पिछले साल की तुलना में काफी ज्यादा रही। अस्पताल अधिकारियों ने कहा कि कोविड से उबरने के बाद थकान पुरुषों की तुलना में महिलाओं में चार गुना थी जबकि पुरुषों में फेफड़ों में फाइब्रोसिस के लक्षण अधिक थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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