अफगानिस्तान में ड्यूटी करने गए माया, बॉबी और रूबी भी भारत लौटे, 2019 से काबुल में थे तैनात

By सतीश कुमार सिंह | Published: August 18, 2021 05:57 PM2021-08-18T17:57:00+5:302021-08-18T20:57:06+5:30

दिल्ली में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के एक केंद्र में कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत हफ्तेभर तक पृथक-वास में रहेंगे।

after Taliban control in Afghanistan itpb dog squad return to india 2019 kabul K9 | अफगानिस्तान में ड्यूटी करने गए माया, बॉबी और रूबी भी भारत लौटे, 2019 से काबुल में थे तैनात

भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान द्वारा काबुल से वायु सेना स्टेशन जामनगर में उतारा।

Highlightsकमांडो, दूतावास के कर्मचारियों और अन्य भारतीय नागरिकों के साथ वापस आए हैं।कमांडो को आईटीबीपी की बसों में हिंडन एयर बेस से पृथकवास केंद्र ले जाया गया है।21 नागरिकों में चार पत्रकार शामिल हैं।

नई दिल्लीः तालिबान के कब्जे वाले अफगानिस्तान से आईटीबीपी के 99 कमांडो की टुकड़ी तीन खोजी कुत्तों के साथ एक सैन्य विमान से वापस वतन आ गई है।

अफगानिस्तान में अशांति के बीच भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के तीन खोजी कुत्तों को भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान द्वारा काबुल से वायु सेना स्टेशन जामनगर में उतारा। दिल्ली के आईटीबीपी छावला कैंप पहुंचे। तीन K9 एस माया, बॉबी और रूबी को 2019 में काबुल में तैनात किया गया था।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कमांडो अपने साथ एके सीरीज के हथियार, बुलेट प्रूफ जैकेट, हेलमेट, संचार उपकरण, गोला-बारूद और तीन खोजी कुत्ते भी साथ लाए हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत रुद्रेंद्र टंडन सहित तीस राजनयिक, आईटीबीपी के 99 कमांडो और 21 नागरिक वायु सेना के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान में सवार थे।

कुत्तों को एनटीसीडी भानु, पंचकुला में कुत्ता प्रशिक्षण स्कूल में प्रशिक्षित किया गया था। जामनगर में एक आईटीबीपी अधिकारी ने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति ‘ बहुत खतरनाक है, जिसे बयां नहीं किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि काफिलों, दूतावास परिसरों एवं भारतीय राजनयिकों पर हमले की आशंका एवं खतरे थे लेकिन आईटीबीपी ‘उन्हें सुरक्षित ले आई।’’

आईटीपीबी ने अफगानिस्तान में सुरक्षा ड्यूटी पर 300 से अधिक कमांडो को तैनात किया था। बल को पहली बार नवंबर, 2002 में काबुल दूतावास परिसर, राजनयिकों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था। बाद में उसने अपनी अतिरिक्त टुकड़ियों को जलालाबाद, कंधार, मजार-ए-शरीफ और हेरात में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावासों की रक्षा के लिए भेजा।

अफगानिस्तान से लौटे आईटीबीपी के श्वान अब छत्तीसगढ़ के नक्सल विरोधी अभियानों में काम करेंगे

अफगानिस्तान में आईटीबीपी सुरक्षा कमांडो सुरक्षा दल में शामिल तीन श्वानों को अब जल्दी ही छत्तीसगढ़ के नक्सल विरोधी अभियानों में तैनात किया जायेगा । अधिकारियों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी । अफानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण होने के बाद मंगलवार को वहां से सैन्य विमान से गाजियाबाद के हिंडन वायु सेना अड्डे पर उतरने के बाद तीनों श्वानों - रूबी (मादा. बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल), माया (मादा. लेब्राडोर) तथा बॉबी (नर. डॉबरमैन) को दक्षिण पश्चिम दिल्ली के छावला स्थित भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के शिविर में भेजा गया।

इन तीनों श्वानों ने काबुल में भारतीय दूतावास एवं इसके राजनयिक कर्मचारियों की सुरक्षा में तैनात आईटीबीपी कमांडो दस्ते के साथ तीन साल तक अपनी सेवायें दी। आधिककारिक सूत्रों ने बताया, ‘‘इन तीनों श्वानों ने कई परिष्कृत विस्फोटक उपकरणों का पता लगाया और न केवल भारतीय राजनयिकों के जीवन की रक्षा की बल्कि वहां काम करने वाले अफगान नागरिकों का भी जीवन बचाया।’’

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