लखनऊ:समाजवादी पार्टी (सपा) बिहार की तर्ज पर अब वोट चोरी का मुद्दा उत्तर प्रदेश में भी उठाएंगी. इसके लिए पितृ पक्ष के बाद सपा गांव चलो अभियान शुरू करेगी. इस अभियान के दौरान सपा के नेता और कार्यकर्ता गांवों में रात्रि विश्राम करते हुए पंचायत करेंगे. इस पंचायत में चुनाव आयोग को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का जुगाड़ आयोग बताने की मुहिम शुरू की जाएगी.
इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की मतदाता सूची पर नजर रखने के लिए सपा अपने कार्यकर्ताओं को फौज तैयार करेंगी. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी के इस अभियान को अपनी सहमति प्रदान कर दी है, इसके चलते यूपी के एक लाख छह हजार से अधिक गांवों में मतदाता सूची में गांवों में रह रहे ग्रामीणों के नाम रहे इस पर पार्टी के बूथ कार्यकर्ता नजर रखेंगे. ताकि महाराष्ट्र, कर्नाटक और बिहार की तरह एक ही पते पर तमाम मतदाताओं के नाम ना जोड़े जा सके.
आयोग को ऐसे लेंगे निशाने पर :
उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग के अपने निशाने पर लेने की योजना अखिलेश यादव ने बिहार से लौटने के बाद तैयार की है. अखिलेश ने बिहार में चुनाव आयोग के खिलाफ लोगों का गुस्सा देखा है. वहां लोग मतदाता सूची से नाम कट जाने के भय में जी रहे हैं. मतदाता सूची में नाम उत्तर प्रदेश में भी कटे हैं लेकिन यहाँ के ग्रामीण क्षेत्रों मेँ लोग चुनाव आयोग से नाराज नहीं है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों मेँ बड़ी संख्या मेँ हर बार वोट काटे जाते हैं.
इसी सोच के तहत ही अखिलेश यादव ने यूपी में गांव चलो अभियान शुरू करने का फैसला किया है. पितृ पक्ष के बाद प्रदेश में शुरू होने वाले सपा के गांव चलो अभियान में पार्टी के सीनियर नेता तथा पदाधिकारी पदाधिकारी गांवों में जाकर रात्रि विश्राम करेंगे. इस दौरान गांव में पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) समुदाय के लोगों को एकत्र कर चौपाल (पंचायत) लगेगी.
इस चौपाल जाति के आधार पर प्रदेश में अधिकारियों की तैनाती का मुद्दा को उठाते हुए लोगों को यह बताया जाएगा कि किस तरह से चुनाव आयोग भाजपा को लाभ पहुंचाने वाले फैसले देश में ले रहा है. किसे महाराष्ट्र, कर्नाटक और बिहार में एक पते पर सौ मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जोड़ दिए जाते हैं और जब इस बारे में बताया जाता है तो आयोग विपक्ष से शपथपत्र पर शिकायत करने को कहना है.
जबकि आयोग का यह कार्य है कि वह मतदाता सूची ही खामी के बारे में मिली जानकारी ही पड़ताल कर उसे दूर करे, ना की खामी बनाते वाले से शपथपत्र मांगे. इसलिए हर गांव में ग्रामीण मतदाता सूची में अपना नाम जोड़े जाने के लिए प्रयास करे. पार्टी के कार्यकर्ता इस मामले में ग्रामीणों की मदद करें.
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और विधानसभा आम चुनाव की मतदाता सूचियों पर नजर रखने के लिए अभी से पार्टी कार्यकर्ताओं की फौज बूथ स्तर पर तैयार की जाए. इसी चौपाल में सपा कार्यकर्ता चुनाव आयोग ही तमाम खामियों के बारे में ग्रामीणों को बताकर उसे भाजपा का जुगाड़ आयोग साबित करेंगे.
पीडीए को दोहराएंगे अखिलेश :
इसी चौपाल में वोट चोरी के मामले को लेकर भाजपा के नेताओं के रुख पर भी चर्चा ही जाएगी. इसके साथ ही अखिलेश गांव चलो अभियान के तहत पीडीए के बूस्टर को नई ऊर्जा देंगे ताकि अगले साल होने वाले पंचायत चुनावों में इसका लाभ लिया जा सके. इसके साथ ही गांवों में एमवाई से समीकरण को भी मजबूत हो. बीते लोकसभा चुनावों में सपा को पीडीए फार्मूले से सियासी तौर पर बहुत लाभ मिला था.
इसी फार्मूले से सपा और कांग्रेस ने यूपी की 80 में से 43 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया था, जिसमें 37 सीटें सपा जीती थी. अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव बिहार की राजनीति में इस रणनीति को पंचायत चुनावों में भी दोहराने के प्रयास में हैं. इसलिए लिए ही उन्होंने गांव चलो अभियान शुरू किया है.