नयी दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली प्रशासन ने हड़ताल कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों से मरीजों के हित में काम पर लौटने की अपील करते हुए बुधवार को कहा कि परिसर के भीतर सुरक्षा उपायों का आकलन करने के लिए एक आंतरिक सुरक्षा ऑडिट किया जायेगा। संस्थान में सुरक्षा मुद्दों और चिकित्सकों की अन्य चिंताओं पर विचार करने के लिए प्रशासन ने दो समितियों का गठन किया है।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में नौ अगस्त को ड्यूटी के दौरान स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। पश्चिम बंगाल की राजधानी में सरकारी अस्पताल के सेमिनार हॉल में 32 वर्षीय डॉक्टर का शव मिला था। इस घटना के बाद स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून की मांग को लेकर एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। सुरक्षा ऑडिट के अलावा, एम्स प्रशासन ने प्रायोगिक आधार पर मातृ एवं शिशु ब्लॉक के प्रमुख प्रवेश और निकास बिंदुओं पर एआई सक्षम सीसीटीवी कैमरे लगाने का भी निर्णय लिया है। ऐसे कैमरों से सभी आगंतुकों की पहचान की जा सकेगी। इससे सुरक्षा कर्मचारियों को बार-बार प्रवेश करने और बाहर जाने वाले व्यक्तियों की पहचान करने में मदद मिलेगी।
एम्स के निदेशक डॉ. वी. श्रीनिवास ने कहा कि पूरा एम्स परिवार इस प्रमुख अस्पताल और पूरे देश में सभी स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के लिए खड़ा है। उन्होंने कहा, "चिकित्सकों के रूप में हालांकि हमारा प्रमुख कर्तव्य यह सुनिश्चित करना भी है कि हमारे अस्पताल में आने वाले मरीजों की अनदेखी न की जाये।" श्रीनिवास ने कहा कि प्रशासन ने स्वास्थ्य पेशेवरों, कर्मचारियों, रोगियों और आगंतुकों की सुरक्षा के संबंध में एम्स, नई दिल्ली में एक आंतरिक सुरक्षा ऑडिट करने का निर्णय लिया है और इसके लिए 15 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति की अध्यक्षता जैवभौतिकी विभाग की प्रमुख डॉ. पुनीत कौर करेंगी। समिति में एफएआईआईएमएस, रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, छात्र संघ, नर्स यूनियन और ‘सोसाइटी ऑफ यंग साइंटिस्ट्स’ के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह समिति दिन और रात में हरियाणा के एनसीआई झज्जर, उत्तर प्रदेश के एनडीडीटीसी गाजियाबाद, हरियाणा के सीआरएचएसपी बल्लभगढ़ आदि जैसे परिसरों समेत एम्स परिसरों का दौरा करेगी और सुरक्षा उपायों का सर्वेक्षण करेगी। समिति एम्स परिसर में आवश्यक अतिरिक्त सुरक्षा उपायों पर भी विचार-विमर्श करेगी और शीघ्र कार्यान्वयन के लिए अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी।
उन्होंने कहा, "भारत सरकार स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और उच्चतम न्यायालय ने स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन देते हुए सभी चिकित्सकों से मरीजों के हित में काम पर लौटने का अनुरोध किया है।" उन्होंने कहा, "एम्स नई दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टरों से अनुरोध है कि वे तुरंत अपनी ड्यूटी पर लौट आएं ताकि स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं सामान्य हो सकें।"
संस्थान के स्वास्थ्य पेशेवरों की तत्काल चिंताओं को दूर करने के लिए डीन (अकादमिक), डीन (अनुसंधान), चिकित्सा अधीक्षक और मुख्य सुरक्षा अधिकारी समेत एक और चार सदस्यीय समिति गठित की गई है। कोलकाता के एक अस्पताल में एक चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में रेजिडेंट चिकित्सकों ने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल के 10वें दिन बुधवार को यहां जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनों के कारण शहर भर के कई सरकारी अस्पतालों में वैकल्पिक सेवाएं थम सी गई हैं। एम्स, जीटीबी, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और संबद्ध अस्पताल, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज और इससे संबद्ध अस्पतालों ने अलग-अलग बयान जारी कर मौन प्रदर्शन में भागीदारी का आग्रह किया है। दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों के ‘रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (आरडीए) के सदस्य, ‘फेडरेशन आफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (फोरडा) और ‘फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन’ (एफएआईएमए) के साथ मिलकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
(इनपुट- भाषा)