अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा, कश्मीर में चिंता की लकीरें तेज, भारतीय सुरक्षाबल मुस्तैद, जानें मामला

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: August 16, 2021 16:11 IST2021-08-16T16:10:02+5:302021-08-16T16:11:10+5:30

कश्मीर में तैनात सुरक्षाबल 1990 के दशक में अफगान मुजाहिदीनों से कई सालों तक जूझ चुके हैं, पर आधुनिक तालिबान से लड़ना उन्हें चिंता का विषय लग रहा है।

afghanistan news Taliban capture lines worry intensify jammu Kashmir Indian security forces ready | अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा, कश्मीर में चिंता की लकीरें तेज, भारतीय सुरक्षाबल मुस्तैद, जानें मामला

कश्मीरी जनता ही फिर इन अफगान मुजाहिदीनों के लिए मौत का कारण बन गई।

Highlightsकश्मीर में 32 सालों में ढेर किए गए 25 हजार से अधिक आतंकियों में 13 हजार विदेशी आतंकी थे।कश्मीर में छेड़ी गई तथाकथित आजादी की जंग में पाकिस्तान ने करीब 27 देशों के भाड़े के सैनिकों को धकेला था।पाकिस्तान कश्मीर में आतंकवाद में नई जान फूंकने की खातिर तालिबानियों का सहारा ले सकता है।

जम्मूः लगभग 20 सालों के बाद अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों के माथे पर चिंता की लकीरें देखी जा सकती हैं।

 

यूं तो कश्मीर में तैनात सुरक्षाबल 1990 के दशक में अफगान मुजाहिदीनों से कई सालों तक जूझ चुके हैं, पर आधुनिक तालिबान से लड़ना उन्हें चिंता का विषय लग रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, कश्मीर में 32 सालों में ढेर किए गए 25 हजार से अधिक आतंकियों में 13 हजार विदेशी आतंकी थे।

इनमें एक हजार के लगभग अफगान मुजाहिदीन अर्थात तालिबानी भी थे जिन्हें आतंकवाद के शुरूआती दिनों में मार गिराया गया था।यह आंकड़ा भी सच में चौंकाने वाला था कि कश्मीर में छेड़ी गई तथाकथित आजादी की जंग में पाकिस्तान ने करीब 27 देशों के भाड़े के सैनिकों को धकेला था।

जिनमें सबसे अधिक पाकिस्तानी और अफगान नागरिक थे और दूसरे नम्बर पर सबसे अधिक पाकिस्तानी आतंकी ही कश्मीर में मारे गए हैं। अब जबकि एक बार फिर पड़ौस में तालिबान ने सिर उठा लिया है, तो कश्मीर में तैनात सुरक्षाबल चिंतित होने लगे हैं।

पहले से ही वे स्थानीय नागिरकों के आतंकवाद की ओर बढ़ते कदमों के साथ ही आईएसआईएस से भी जूझ रहे थे और उन्हें वे सूचनाएं व चेतावनियां परेशान करने लगी हैं जिनमें कहा जा रहा है कि पाकिस्तान कश्मीर में आतंकवाद में नई जान फूंकने की खातिर तालिबानियों का सहारा ले सकता है।

कश्मीर में कई सालों तक आतंकियों से निपटने वाले कश्मीर पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारियों का कहना था कि भारतीय सुरक्षाबलों के लिए आतंकी, आतंकी ही होता है चाहे वह पाकिस्तानी हो या फिर अफगानी। वे कश्मीर में पिछले 32 सालों में मार गिराए गए 25 हजार से अधिक आतंकियों का हवाला देते हुए कहते थे कि किसी को भी शांति भंग करने का अवसर नहीं दिया जा सकता।

गुप्तचर संस्थाएं आशंकित जरूर थीं। उनकी आशंका, विदेशी भाड़े के सैनिकों द्वारा हमेशा कश्मीर में मचाई गई तबाही रही है। यह सच है कि कश्मीर में जब ‘सहायता’ की खातिर कश्मीरी आतंकियों ने अफगान मुजाहिदीनों को न्यौता दिया तो उनके कुकृत्यों से कश्मीरी जनता इतनी त्रस्त हो उठी की अंततः कश्मीरी जनता ने आप ही तथाकथित आजादी की जंग से मुंह मोड़ लिया और कश्मीरी जनता ही फिर इन अफगान मुजाहिदीनों के लिए मौत का कारण बन गई।

Web Title: afghanistan news Taliban capture lines worry intensify jammu Kashmir Indian security forces ready

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