हथियार लाइसेंस पर हलफनामा: अदालत ने सलमान खान के खिलाफ याचिका खारिज की
By भाषा | Updated: February 11, 2021 19:58 IST2021-02-11T19:58:32+5:302021-02-11T19:58:32+5:30

हथियार लाइसेंस पर हलफनामा: अदालत ने सलमान खान के खिलाफ याचिका खारिज की
जोधपुर, 11 फरवरी अभिनेता सलमान खान को अपने हथियार लाइसेंस के बारे में एक झूठा हलफनामा दाखिल करने के आरोपों में यहां की एक अदालत से बृहस्पतिवार को एक बड़ी राहत मिली। अदालत ने उनके खिलाफ राजस्थान सरकार की याचिका खारिज कर दी और उन्हें इस आरोप से बरी कर दिया।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश राघवेंद्र कछवाल ने इस सिलसिले में आदेश जारी किया, जिसे नौ फरवरी को दलीलें पूरी होने के बाद सुरक्षित रख लिया गया था।
खान वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश हुए।
अभिनेता के खिलाफ यह मामला शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले से संबद्ध है। इसके तहत अभिनेता पर यह आरोप लगाया गया था उनके हथियार के लाइसेंस की समय सीमा समाप्त हो गई थी, जिसका इस्तेमाल शिकार करने में किया गया था।
खान के वकील एच एम सारस्वत ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि अदालत ने राज्य सरकार की अर्जी खारिज कर दी और झूठा हलफनामा दाखिल करने के आरोप से खान को बरी कर दिया। इस मामले में ज्यादा दम नहीं था और आरोप सिर्फ प्रताड़ित करने के उद्देश्य से लगाये गये थे। ’’
यह दूसरा मौका है जब खान को बरी किया गया है। इससे पहले मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने उन्हें इस आरोप से बरी कर दिया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने फैसले को जिला एवं सत्र न्यायालय में चुनौती दी थी।
गौरतलब है कि खान ने 2003 में अदालत में एक हलफनामा दाखिल कर कहा था कि उनके हथियार का लाइसेंस गुम हो गया है।
अभियोजन ने दलील दी थी कि उन्होंने झूठा हलफनामा दाखिल किया क्योंकि उनका लाइसेंस गुम नहीं हुआ था, बल्कि नवीनीकरण के लिए जमा किया गया था।
सारस्वत ने कहा, ‘‘हमने दलील दी कि हलफनामे में ऐसा इरादतन नहीं कहा गया था क्योंकि उस वक्त अभिनेता व्यस्त थे और उन्हें अपने लाइसेंस के बारे में सही जानकारी नहीं थी।’’
उन्होंने दलील दी कि आरोपी ने गलती से झूठा हलफनामा दाखिल किया था और उन्होंने इस कार्य का कोई लाभ नहीं उठाया, इसलिए उन्हें माफ कर दिया जाए और आरोप मुक्त किया जाए।
उन्होंने अपनी दलील के समर्थन में इस विषय से जुड़े उचचतम न्यायालय के कुछ फैसलों का भी उदाहरण दिया।
हालांकि, सरकारी वकील ने दलील दी कि यह जानबूझ कर अदालत को गुमराह करने का कार्य था और खान जानते थे कि उनका लाइसेंस गुम नहीं हुआ है। लेकिन न्यायाधीश ने उनकी दलीलें खारिज कर दी और खान को राहत देते हुए इस मामले में आरोप से बरी कर दिया।
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