मुंबई: शरद पवार ने मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया। पवार ने यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में अपनी आत्मकथा के संशोधित संस्करण का विमोचन करने के अवसर पर 1999 में स्वयं स्थापित अपनी पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान किया। शरद पवार के राकांपा अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की प्रतिक्रिया सामने आई है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "शरद पवार एक सक्षम नेता हैं। मुझे लगता है कि उम्र की कमी और अपने स्वास्थ्य के कारण उन्होंने वर्तमान नौकरी छोड़ने का सोचा। उन्होंने पहले ही अपने उत्तराधिकारी का चयन कर लिया है, और एनसीपी में कई नेता हैं जो उनकी विरासत को प्राप्त करने के योग्य हैं लेकिन वे अभी भी देश के नेता हैं।"
वहीं, पवार द्वारा अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा का विरोध जताते हुए राकांपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनसे फैसले को वापस लेने की मांग की। राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल और पार्टी नेता जितेंद्र चव्हाण अपने वरिष्ठ नेता की घोषणा के बाद रो पड़े, वहीं पार्टी सांसद प्रफुल्ल पटेल ने हाथ जोड़कर पवार से उनका फैसला वापस लेने की विनती की।
पवार ने कहा कि उनकी राजनीतिक यात्रा एक मई, 1960 को शुरू हुई थी और पिछले 63 वर्ष से अनवरत जारी है। उन्होंने कहा कि इतने वर्षों में उन्होंने विभिन्न ओहदों पर रहते हुए महाराष्ट्र और देश की सेवा की है। उन्होंने कहा, "मेरी राज्यसभा की सदस्यता का तीन वर्ष का कार्यकाल शेष है। इस दौरान मैं बिना किसी पद के महाराष्ट्र और देश के मुद्दों पर ध्यान दूंगा। एक मई, 1960 से एक मई, 2023 की लंबी अवधि में एक कदम पीछे लेना जरूरी है। इसलिए, मैंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है।"
(भाषा इनपुट के साथ)