रांची: उद्योगपति गौतम अडानी के झारखंड स्थित गोड्डा में लगा पावर प्लांट एक बार फिर विवादों में आ गया है। जी हां, इस बार कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने अडानी के गोड्डा स्थित पावर प्लांट के खिलाफ झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर पर्यावरणीय शर्तों के घोर उल्लंघन का आरोप लगाया है।
समाचार वेबसाइट 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' के अनुसार कांग्रेस विधायक यादव ने यह भी आरोप लगाया है कि गोड्डा के अडानी पावर प्लांट में बिजली की कीमत ऑस्ट्रेलिया से आयातित कोयले पर आधारित थी, लेकिन कंपनी पश्चिम बंगाल के झरिया रेंज से लाए गए कोयले का उपयोग कर रही है।
यादव का कहना है कि अडानी पावर प्लांट द्वारा कोयले की ढुलाई के लिए जो रास्ता अपनाया जाता है, वह ग्रामीण इलाकों से होकर गुजरता है। जिसके कारण लगातार दुर्घटनाएं होती रहती हैं और उससे जानमाल की हानि होती है। यादव ने अपने पत्र में आगे कहा कि कंपनी ने संयंत्र के जरूरी पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए निजी भूमि पर कई गहरे बोरवेल खोदे हैं, जिसके कारण आसपास के क्षेत्रों के इलाकों में जल स्तर काफी नीचे चला गया है।
उन्होंने मुख्य सचिव को लिखे अपने पत्र में कहा है कि जैसा कि प्लांट लगने से पहले अडानी द्वारा वादा किया गया था कि उनका पावर प्लांट साहिबगंज में गंगा नदी के पानी का उपयोग करेगा लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है।
इसके अलावा वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के नवंबर 2020 के दिये आदेश में स्पष्ट कहा है कि किसी भी थर्मल पावर स्टेशनों के लिए नियमों और पर्यावरण मंजूरी नियमों के अनुसार अनिवार्य है और कंपनी को बिजली संयंत्र की जरूरत पूरी करने के लिए कोयले के स्रोत संबंधी जानकारी में पूरी पारदर्शिता रखनी होगी।
प्रदीप यादव ने अपने पत्र में कहा कि यदि कोयले का स्रोत में अडानी कंपनी द्वारा कोई बदलाव किया गया तो उससे संबंधित जानकारी तुरंत संबंधित मंत्रालय के साथ साझा की जानी चाहिए थी।
उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि गोड्डा में अडानी पावर प्लांट की पर्यावरण मंजूरी की कड़ी जांच की जानी चाहिए और नियमों के विरूद्ध कार्य किये जाने पर कड़ी कार्रवाई भी की जानी चाहिए।
कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने अपने पत्र की प्रतिलिपि पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव, एनजीटी के अध्यक्ष, रजिस्ट्रार एनजीटी को भी भेजी गयी है।