जीप के बोनट पर शख्स को बांधने से आए थे सुर्खियों में, कश्मीरी महिला से मेलजोल रखने पर मेजर गोगोई पर कार्रवाई

By भाषा | Updated: May 6, 2019 06:05 IST2019-05-06T06:05:23+5:302019-05-06T06:05:23+5:30

महिला ने यह भी कहा था कि वह मेजर गोगाई के साथ अपनी मर्जी से गई थी। उसने खुलासा किया था कि वह सेना अधिकारी के उबैद अरमान नाम से बने उनके फर्जी फेसबुक प्रोफाइल के जरिए उनकी दोस्त बनी थी।

Action against Major Gogoi on relation with kashmiri Woman, Came in light after Man tied on Jeep bonnet | जीप के बोनट पर शख्स को बांधने से आए थे सुर्खियों में, कश्मीरी महिला से मेलजोल रखने पर मेजर गोगोई पर कार्रवाई

कश्मीरी महिला से मेलजोल रखने के मामले में मेजर गोगोई के खिलाफ कार्रवाई की गई है। (फाइल फोटो)

वर्ष 2017 में ‘मानव ढाल विवाद’ के केंद्र में रहे मेजर लीतुल गोगोई को कड़ी फटकार लगाई गई है और पिछले साल एक स्थानीय महिला से मेलजोल रखने को लेकर उन्हें अपनी वरिष्ठता में कटौती का सामना करना पड़ेगा। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। मेजर गोगोई और उनके वाहन चालक समीर मल्ला के खिलाफ कोर्ट मार्शल की कार्यवाही की सेना मुख्यालय द्वारा पुष्टि किए जाने के बाद यह घटनाक्रम हुआ है। इन दोनों को दो आरोपों में दोषी पाया गया है। ये दो आरोप- दिशानिर्देशों के उलट एक स्थानीय महिला से मेलजोल रखने और ऑपरेशनल इलाके में तैनाती के दौरान ड्यूटी से दूर रहने के हैं।

सजा की पुष्टि के बाद मेजर गोगोई का कश्मीर घाटी के बाहर तबादला कर दिया गया है। थल सेना सूत्रों ने नयी दिल्ली में बताया कि मेजर गोगोई को ‘‘कड़ी फटकार और सिर्फ पेंशन के लिए वरिष्ठता में छह महीने की कमी करने की सजा’’ दी गई है। उनकी सामान्य तैनाती का मार्ग प्रशस्त करने के लिए उन पर लगी अनुशासनिक सतर्कता पाबंदी हटा ली गई है। सेना सूत्रों ने यह भी बताया कि यूनिट में दो साल का उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्हें कश्मीर घाटी से बाहर पदस्थ किया गया।

मल्ला की यूनिट के कंपनी कमांडर को उसकी सजा पर फैसला लेने के लिए अधिकृत किया गया है जिसमें उन्हें ‘‘कड़ी फटकार’’ लगाया जाना शामिल है। मल्ला पर अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने का आरोप था। वर्ष 2017 में मल्ला प्रादेशिक सेना में भर्ती हुआ था और वह जम्मू कश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियान में शामिल राष्ट्रीय राइफल्स के 53 सेक्टर में तैनात था। अधिकारियों ने बताया कि कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया की सेना मुख्यालय ने पुष्टि की जिसके बाद गोगोई को कश्मीर घाटी से बाहर भेजने का फैसला किया गया। उन्होंने बताया कि अंतिम आदेश बिल्कुल हाल में प्राप्त हुए।

अधिकारियों ने बताया कि फरवरी की शुरुआत में मेजर गोगोई और उनके चालक के खिलाफ ‘समरी ऑफ एवीडेंस’ के पूरा होने के बाद कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू हुई थी। उन्होंने बताया कि सैन्य अदालत ने दोनों आरोपियों तथा गवाहों के बयान दर्ज किए थे और सजा दी गई है जिसकी विवेचना सेना मुख्यालय ने की है। मेजर गोगोई और उनके चालक को जम्मू कश्मीर पुलिस ने पिछले साल 23 मई को तब पकड़ा था जब उनका होटल स्टाफ से विवाद हो गया था। गोगोई 18 वर्षीय एक महिला के साथ एक होटल में कथित तौर पर प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे और इस बात को लेकर होटल के कर्मचारियों से उनकी कहासुनी हुई थी।

महिला ने कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया के दौरान गवाही देने के प्रति अनिच्छा जताई थी और सेना के अधिकारियों को सूचित किया था कि उसने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दिया था तथा इसे ही उसका अंतिम रुख माना जाए। महिला ने यह भी कहा था कि वह मेजर गोगाई के साथ अपनी मर्जी से गई थी। उसने खुलासा किया था कि वह सेना अधिकारी के उबैद अरमान नाम से बने उनके फर्जी फेसबुक प्रोफाइल के जरिए उनकी दोस्त बनी थी।

पिछले साल हुई इस घटना के तुरंत बाद सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा था कि यदि मेजर गोगोई ‘‘किसी अपराध’’ के दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी। जनरल रावत ने कहा था, ‘‘भारतीय सेना का कोई अधिकारी यदि किसी अपराध का दोषी पाया जाता है तो हम हर संभव कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे।’’ मेजर गोगोई तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने नौ अप्रैल 2017 को बडगाम में एक उपचुनाव के दौरान पथराव कर रही अनियंत्रित भीड़ का सामना करने के लिए एक व्यक्ति को जीप के बोनट पर बांध दिया था।

Web Title: Action against Major Gogoi on relation with kashmiri Woman, Came in light after Man tied on Jeep bonnet

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