Delhi Assembly Polls 2025: दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को एक नोटिस जारी कर उनसे इस आरोप की जांच में शामिल होने को कहा कि भाजपा ने आप उम्मीदवारों को रिश्वत देने की कोशिश की थी। आरोप को "बेहद गंभीर" बताते हुए एसीबी ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री से पूछताछ के लिए "खुद को उपलब्ध कराने" को कहा।
एसीबी ने नोटिस में कहा, "दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा आम आदमी पार्टी के विधायकों को रिश्वत की पेशकश के आरोपों की जांच कर रही है। ये आरोप बेहद गंभीर हैं और इसलिए मामले में सच्चाई का पता लगाने के लिए एसीबी के तत्काल जांच और हस्तक्षेप की आवश्यकता है।" अतः आपसे अनुरोध है कि आप आज यानि 07.02.2025 को किसी भी सुविधाजनक समय पर निम्नलिखित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए उपलब्ध रहें।
एसीबी ने अरविंद केजरीवाल से 5 सवाल पूछे
1. क्या ट्वीट आपके द्वारा पोस्ट किया गया है या किसी और ने?2. क्या आप ट्वीट की सामग्री से सहमत हैं कि आपकी पार्टी के 16 विधायक उम्मीदवारों को रिश्वत की पेशकश की गई है?3. विधायक पद के उन 16 उम्मीदवारों का विवरण जिन्हें कथित रिश्वत की पेशकश के बारे में फोन कॉल प्राप्त हुए।4. उन फोन नंबरों/व्यक्तियों का विवरण जिन्होंने कथित रिश्वत की पेशकश के बारे में उपरोक्त विधायकों से संपर्क किया।5. विभिन्न मीडिया/सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपके और आपकी पार्टी के सदस्यों द्वारा लगाए गए रिश्वत की पेशकश के दावे/आरोपों के समर्थन में कोई अन्य विवरण/साक्ष्य।
अरविंद केजरीवाल ने क्या आरोप लगाया
दिल्ली चुनाव में एग्जिट पोल में भाजपा की जीत की भविष्यवाणी के कुछ दिनों बाद, अरविंद केजरीवाल ने आज दावा किया कि 16 आप उम्मीदवारों को पार्टी बदलने पर मंत्री पद और 15-15 करोड़ रुपये की पेशकश की गई है।
आप सुप्रीमो ने एक्स पर लिखा, "कुछ एजेंसियां दिखा रही हैं कि गाली देने वाली पार्टी (भाजपा) को 55 से अधिक सीटें मिल रही हैं। पिछले दो घंटों में हमारे 16 उम्मीदवारों को फोन आए हैं कि अगर वे आप छोड़कर उनकी पार्टी में शामिल होते हैं, तो उन्हें मंत्री बनाया जाएगा और 15-15 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।"
एसीबी की टीम अरविंद केजरीवाल के घर पहुंची
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना के कहने पर एसीबी ने इस संबंध में मामला दर्ज किया। एसीबी की एक टीम केजरीवाल के घर पहुंची। हालांकि, स्थिति तनावपूर्ण हो गई क्योंकि आप नेताओं ने अधिकारियों को नेता से मिलने से मना कर दिया और उन पर भाजपा के प्रभाव में काम करने का आरोप लगाया।