दिल्ली को मिली नई मेयर, 'आप' की शैली ओबेरॉय ने बीजेपी प्रत्याशी को हराकर दर्ज की जीत
By अंजली चौहान | Published: February 22, 2023 02:23 PM2023-02-22T14:23:56+5:302023-02-22T14:46:18+5:30
उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए लिखा, "गुंडे हार गए, जनता जीत गई... दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी का मेयर बनने पर सभी कार्यकर्ताओं और दिल्ली की जनता का तहे दिल से शुक्रिया।"
नई दिल्ली: एमसीडी चुनाव के बाद तमाम खींचतान के बाद आज दिल्ली को आखिरकार अपना नया मेयर मिल गई हैं। आम आदमी पार्टी की नेता शैली ओबरॉय ने ये मेयर चुनाव जीत लिया है। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शैली ओबरॉय को जीत की बधाई देते हुए ट्वीट किया। उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए लिखा, "गुंडे हार गए, जनता जीत गई... दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी का मेयर बनने पर सभी कार्यकर्ताओं और दिल्ली की जनता का तहे दिल से शुक्रिया।"
Aam Aadmi Party';s Shelly Oberoi elected as the new mayor of Delhi pic.twitter.com/GJzsPiIp6E
— ANI (@ANI) February 22, 2023
दरअसल, दिल्ली नगर निगम चुनाव के 80 दिन बाद और चौथे प्रयास के बाद बुधवार को मतदान संभव हो पाया और शैली ने बीजेपी की रेखा गुप्ता को हराकर जीत हासिल की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मतदान प्रक्रिया में मनोनीत सदस्यों ने कोई भूमिका नहीं निभाई। शैली को चुनाव में जहां 150 वोट मिले। वहीं, रेखा गुप्ता महज 116 वोट ही प्राप्त कर पाई। बता दें कि मेयर चुनाव के बाद अब डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव होना बाकी है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार शैली ओबेरॉय अब बाकी चुनावों की अध्यक्षता करेंगी, जिसमें डिप्टी मेयर और शक्तिशाली स्थायी समिति के छह सदस्य शामिल हैं। मेयर के चुनाव के साथ ही विशेष पदाधिकारी का पद भी समाप्त हो गया है। विशेष अधिकारी के रूप में अश्विवी कुमार ने 22 मई, 2022 और 22 फरवरी, 2023 के बीच विचार-विमर्श विंग की शक्तियों को धारण किया था। नगर निगम चुनाव के बाद मेयर चुनाव के लिए तीन प्रयासों के बाद भी कुछ हाथ नहीं लगा।
#WATCH | AAP's Shelly Oberoi becomes #Delhi mayor with 150 votes pic.twitter.com/LLbAJ1Xh3D
— ANI (@ANI) February 22, 2023
दिल्ली सदन में आयोजित बैठकों में तीनों बार आप और बीजेपी पार्षदों के हंगामे के कारण चुनाव संभव नहीं हो पाया था। इसके बाद आप की ओर से शैली ओबेरॉय ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था और कोर्ट से चुनाव कराने की सिफारिश की थी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के मामले में दखल देने के बाद यह चुनाव संभव हो पाया है।