क्या आप भी मोबाइल कंपनियों के उन मैसेजों से परेशान हैं जिनमें कहा जाता है कि अगर फलाँ तारीख तक आपने अपने मोबाइल सिम को आधार से लिंक नहीं कराया तो आपका नंबर डिसकनेक्ट कर सकता है। अगर हाँ तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। नरेंद्र मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आधार कार्ड से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि मोबाइल सिम को आधार नंबर से लिंक कराना जरूरी नहीं है। उपभोक्ता ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट या वोटर आईडीकार्ड जैसे दस्तावेज के साथ भी मोबाइल सिम ले सकते हैं।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने मोबाइल कंपनियों को निर्देश दिया है कि वो पहचान पत्र के रूप में ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट और वोटर आईडी को भी स्वीकार करें। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मोबाइल कंपनियों को इस निर्देश पर "तत्काल" अमल करने के लिए कहा है। केंद्र सरकार की तरफ से टेलीकॉम सेक्रेटरी अरुणा सुंदरराजन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सरकार ने उपभोक्ताओं की असुविधाओं को देखते हुए ये निर्देश जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट आधार कार्ड को फोन नंबर, पैन कार्ड और बैंक खातों से जोड़ने की अनिवार्यता पर सुनवाई कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई पूरी होने तक विभिन्न सेवाओं से आधार नंबर जोड़ने की आखिरी तारीख बढ़ाने का निर्देश दिया था। विभिन्न मोबाइल कंपनियाँ बार-बार ग्राहकों को आधार से मोबाइल नंबर जोड़ने के लिए मैसेज और फ़ोन कर रही थीं। वहीं केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पहले भी कहा था कि उसने ऐसा कोई निर्देश नहीं जारी किया है।
केंद्र की तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने साल 2009 में 12 अंकों वाले आधार संख्या की अधिसूचना जारी की थी। यूनिक आइडेंटिटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) को देश के सभी नागरिकों का आधार कार्ड बनाने का जिम्मा दिया गया। केंद्र सरकार ने साल 2016 में आधार (टारगेटेड डिलिवरी ऑफ फाइनेंशियल एंड अदर्स सब्सिडीज एंड सर्विसेज) एक्ट पारित करके इसे कानूनी मान्यता दी।
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