आधार कार्ड पर सुप्रीम कोर्ट में नरेंद्र मोदी सरकार के वकील ने कहा- 10x4 मीटर मोटी दीवारों में सुरक्षित है डाटा
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: March 22, 2018 10:21 AM2018-03-22T10:21:47+5:302018-03-22T11:10:36+5:30
सुप्रीम कोर्ट के पाँच जजों की संविधान पीठ आधार कार्ड को अनिवार्य बनाए जाने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही है।
आधार कार्ड मामले पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान बुधवार (21 मार्च) को एटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि आधार डाटा को केंद्र सरकार ने 10 मीटर ऊंची और चार मीटर चौड़ी दीवार वाले सेंट्रल आइडेंटी डाटा रिपॉजिट्री में सुरक्षित रखा हुआ है। वेणुगोपाल ने सर्वोच्च अदालत से कहा, आधार "केवल कुछ फौरी लाभ हासिल करने की कोशिश नहीं है" बल्कि ये भ्रष्टाचार मिटाने के गंभीर प्रयास का हिस्सा है। सुप्रीम कोर्ट के पाँच जजों की संविधान पीठ आधार कार्ड को जरूरी सेवाओं के लिए आवश्यक बनाए जाने से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में कहा गया है कि आधार की बाध्यता से देश का बहुत बड़ा तबका वित्तीय रूप से अलग-थलग पड़ जाएगा। संविधान पीठ में शामिल सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी ने नरेंद्र मोदी सरकार के वकील वेणुगोपाल से इस बारे में सफाई माँगते हुए कहा, "लेकिन इस सक्षम बनाने वाली योजना का दूसरा पक्ष है वित्तीय किनाराकशी। आपको इस पर ध्यान देना होगा।" जस्टिस सीकरी ने सीनियर एडवोकेट वेणुगोपाल से आधार डाटा के बड़ी संख्या में लोगों पर निगरानी रखने के लिए इस्तेमाल किए जाने की खबरों पर भी चिंता जताई। जस्टिस सीकरी ने कहा, "अगर आधार का इस्तेमाल केवल पहचान प्रमाण पत्र की तरह होना है तो इसमें तमाम अन्य डाटा क्यों इकट्ठा और केंद्रीकृत किए जा रहे हैं?"
जस्टिस सीकरी की चिंता पर सफाई देते हुए केके वेणुगोपाल ने कहा कि आधार में डाटा का केंद्रीकरण संभव नहीं। वेणुगोपाल ने शीर्ष अदालत से कहा कि वो यूआईडीएआई (आधार का नियमन और संचालन करने वाली कंपनी) के सीईओ को इसके सिक्योरिटी फ़ीचर को बताने वाला पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन देने की इजाजत दी जाए। खंडपीठ के सदस्य डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सरकार को इस मामले पर स्थित साफ करनी चाहिए। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि वो वित्तीय किनाराकशी को रोकने के लिए क्या इंतजाम कर रही है।
आधार कार्ड को विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के लिए जरूरी बनाया जा रहा है। बैंक खातों और टेलीफोन कनेक्शन के लिए भी आधार को जरूरी बनाए जाने की खबरें आती रही हैं। आधार कार्ड की अनिवार्यता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ताओं का दावा है कि इससे आम नागरिकों की निजता का भी हनन होगा। अभी हाल ही में पंजाब में 500 रुपये में लाखों लोगों के आधार डाटा के बिकने की खबर आई थी। हालांकि केंद्र सरकार ने खबर को बेबुनियाद बताया था।