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स्कॉलरशिप के लिए आधार कार्ड को जाति और इनकम सर्टिफिकेट से लिंक करना जरूरी, जानिए किन राज्यों में शुरू हो रही पहल

By मनाली रस्तोगी | Updated: April 7, 2022 16:16 IST

सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ी जातियों के सही लाभार्थियों को 60 लाख स्कॉलरशिप हासिल करने के लिए आधार, जाति और इनकम सर्टिफिकेट को जोड़ने के लिए केंद्र सरकार तैयार कर रही है।

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ठळक मुद्देएक सरकारी अधिकारी ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सचिवों के साथ हुई बातचीत के बाद यह कदम उठाया गया है। इस बात की जानकारी अभी लाभार्थियों को नहीं है कि केंद्र सरकार से उन्हें प्री या पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति मिल रही है।

नई दिल्ली: आज के समय में आधार कार्ड की गिनती जरूरी कागजात में होती है। आधार कार्ड एक ऐसा कार्ड है, जिसमें किसी भी व्यक्ति का नाम, जन्मतिथि, फोटोग्राफ आदि जैसी जानकारी होती है। देश के हर कोने में आधार कार्ड वैलिड है। यही नहीं, जब तक व्यक्ति जीवित है, तब तक यह वैलिड रहता है। बैंक में अकाउंट खुलवाने, मोबाइल कनेक्शन और सरकारी योजनाओं के लिए व्यक्ति के पास आधार कार्ड का होना जरूरी होता है। 

इस बीच यह खबर सामने आई है कि केंद्र सरकार सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ी जातियों के सही लाभार्थियों को 60 लाख स्कॉलरशिप हासिल करने के लिए आधार, जाति और इनकम सर्टिफिकेट को जोड़ने के लिए एक आटोमेटिक वेरिफिकेशन सिस्टम पर काम कर रही है। राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना वो जगहें हैं जहां केंद्र सरकार की पहल को शुरू किया जाएगा। बता दें कि पहले ही इन राज्यों में लिंकिंग का काम पूरा कर लिया गया है। 

एक सरकारी अधिकारी ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सचिवों के साथ हुई बातचीत के बाद यह कदम उठाया गया है। मालूम हो, इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी को ये सुझाव दिया गया था कि मैट्रिक के बाद अनुसूचित जाति के छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप को पूरी तरीके से डिजिटल कर दिया जाए। ऐसे में इसके लिए जाति प्रमाणीकरण को आधार कार्ड से लिंक करना जरूरी बताया गया। फिलहाल, इसे स्वीकृति मिल गई है, जिसके बाद सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय द्वारा चालू वित्त वर्ष में इस लागू कर दिया जाएगा।

फिलहाल, इस बात की जानकारी अभी लाभार्थियों को नहीं है कि केंद्र सरकार से उन्हें प्री या पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति मिल रही है। जानकारी के अनुसार, सामाजिक न्याय मंत्रालय को ये पता चला है कि एक बैंक खाते से 10-12 छात्र लाभार्थी संलग्न हैं। इस मामले पर मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, "इससे ये मालूम चलता है कि संस्थान बैंक अकाउंट का रखरखाव करती है और सीधे राशि का विवरण स्टूडेंट्स को नहीं किया जाता है। इसका मतलब यह भी है कि उन्हें केंद्रीय योजना का लाभ मिल रहा है, लेकिन वे लाभ से अनजान हैं।"

केंद्रीय प्रणाली में आधार को जाति और आय प्रमाण पत्र से जोड़ने के बाद हर लाभार्थी को शामिल किया जाएगा। इसके महत्व को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी जीत का श्रेय सरकारी योजनाओं की सफलता को देते हुए भारतीय जनता पार्टी ने रेखांकित किया है। बताते चलें कि लाभार्थी की एक बार अपने आधार कार्ड को जाति और इनकम सर्टिफिकेट से जोड़ने के बाद पहचान अपने आप हो जाती है। आधार संख्या टाइप करने और प्रत्येक राज्य द्वारा किए गए लाभार्थियों की जाति और आय प्रमाणीकरण पर विवरण प्राप्त करने में यह प्रणाली केंद्र सरकार के काफी काम आने वाली है। 

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