गौरी लंकेश हत्याकांड: एक साल बाद SIT ने कहा- अंतिम चरण में है जांच, दो महीने के अंदर दाखिल होगा आरोप-पत्र 

By भाषा | Published: September 6, 2018 05:20 AM2018-09-06T05:20:02+5:302018-09-06T05:20:02+5:30

गौरी मेमोरियल ट्रस्ट और उनके समर्थकों ने दिवंगत पत्रकार की पहली बरसी पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया। गौरी बलागा और गौरी लंकेश मेमोरियल ट्रस्ट ने कर्नाटक के राजयपाल वजूभाई वाला को संयुक्त रूप से छह सूत्री ज्ञापन सौंपा।

A year after Gauri Lankesh murder SIT in final stage of probe | गौरी लंकेश हत्याकांड: एक साल बाद SIT ने कहा- अंतिम चरण में है जांच, दो महीने के अंदर दाखिल होगा आरोप-पत्र 

गौरी लंकेश हत्याकांड: एक साल बाद SIT ने कहा- अंतिम चरण में है जांच, दो महीने के अंदर दाखिल होगा आरोप-पत्र 

बेंगलुरू, 06 सितंबर: पत्रकार गौरी लंकेशहत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि इस मामले में जांच अंतिम चरण में है और दो महीने के अंदर आरोप-पत्र दाखिल कर दिया जाएगा। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) बी.के.सिंह के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पिछले साल पांच सितंबर को हुई लंकेश की हत्या के सिलसिले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। लंकेश अपने कट्टर हिंदुत्व विरोधी रुख के लिए जानी जाती थीं।

मामले में गिरफ्तार किये गये कुछ लोगों का नाम कथित तौर पर सनातन संस्था और उससे जुड़ी हिंदू जनजागृति समिति से जोड़ा जाता है। जांच अधिकारी एम एन अनुचेथ ने कहा, ‘‘मामले की जांच अंतिम चरण में है। हम दो महीने में मामले में आरोप-पत्र दाखिल करेंगे।’’ लंकेश की 5 सितंबर, 2017 की रात करीब आठ बजे यहां उनके घर के बाहर करीब से गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।

गौरी मेमोरियल ट्रस्ट और उनके समर्थकों ने दिवंगत पत्रकार की पहली बरसी पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया। गौरी बलागा और गौरी लंकेश मेमोरियल ट्रस्ट ने कर्नाटक के राजयपाल वजूभाई वाला को संयुक्त रूप से छह सूत्री ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि सनातन संस्था और इससे जुड़े संगठनों को ‘‘आतंकवादी संगठन’’ घोषित किया जाए।

इससे पहले, लंकेश की बहन कविता और अभिनेता एवं नाटककार गिरीश कर्नाड की अगुवाई में बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने राज भवन तक मार्च किया। इस मार्च में स्वतंत्रता सेनानी एच. एस. दुरैस्वामी, समाजसेवी स्वामी अग्निवेश, गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी और वकील तीस्ता सीतलवाड़ सहित कई अन्य लोगों ने हिस्सा लिया। 

इस मौके पर ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ नाम का एक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। ट्रस्ट ने इस मौके पर एक कलम जारी किया जिस पर लंकेश की तस्वीर और उनका दस्तखत है।

Web Title: A year after Gauri Lankesh murder SIT in final stage of probe

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