रविवार को जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षाबलों और आंतकियों के बीच हुई मुठभेड में 6 आतंकवादी मारे गए और एक सैनिक भी शहीद हो गया। इस शहीद जवान का नाम लांस नायक नजीर अहमद वानी है, जिसको नम आखों से अब अंतिम विदाई भी दे दी गई है।
खास बात ये है कि नजीर अहमद सेना में आने से पहले एक आतंकी थे। साल 2007 में उनको उनकी बहादुरी के लिए सेना पदक और इस वर्ष अगस्त में एक बार से सेना पदक से सम्मानित किया गया था। इस शहीद को सोमवार को 21 तोपों की सलामी के साथ अंतिम विदाई दी गई है। उनको आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान गोलियां लगी थीं। उन्हें तुरंत अस्पताल लाया गया लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।
जानें कौन थे नजीर अहमद वानी
नजीर अहमद वानी कुलगाम तहसील के चेकी अश्मूजी गांव के रहने वाले थे। उनके शहीद होने के बाद अब उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत वर्ष 2004 में टेरिटोरियल आर्मी से की थी। अहमद वानी की उम्र महज 38 वर्ष की थी।
बहुत पहले वह आतंकियों के ग्रुप में शामिल हो गए थे। लेकिन बाद में उन्होंने हिंसा से किनारा कर लिया था और फिर टेरिटोरियल आर्मी की 162वीं बटालियन से उन्होंने करियर की शुरुआत की। जिसके बाद सेना में के द्वारा देश की सेवा करते हुए उन्होंने कई आतंकियों को मौत के घाट भी उतारा था।