वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार (12 मई) को घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के तीसरे चरण की विस्तृत जानकारी दी। वित्त मंत्री ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान औषधीय पौधे और ऑर्गेनिक खेती को अहम बताया। इसके साथ ही उन्होंने गंगा नदी के किनारे विशेष कॉरीडोर बनाने की घोषणा की है, जो कॉरिडोर 800 हेक्टेयर का होगा।
निर्मला सीतारमण ने कहा, "हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए 4,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह कदम इस खेती में लगे स्थानीय किसानों के लिए 5,000 करोड़ रुपये की आय पैदा करने के उद्देश्य से है। राष्ट्रीय औषधीय पौधों के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए गंगा नदी के किनारे विशेष कॉरीडोर बनाने पर काम किया जाएगा, जो कॉरिडोर 800 हेक्टेयर का होगा। अगले 2 वर्षों में 10,00,000 हेक्टेयर जमीन को कवर किया जाएगा"
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले और दूसरे चरण में किए थे ये ऐलान
कोरोना संकट से निपटने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज के पहले चरण में बुधवार (13 मई) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई ऐलान किए, जिनसे करीब 5.94 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज देने की बात की गई है। इसमें सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों समेत छोटे कारोबारियों को 3 लाख करोड़ रुपये का बिना गारंटी वाला कर्ज उपलब्ध कराने और गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) तथा आवास वित्त कंपनियों को 30,000 करोड़ रुपये की नकदी सुविधा उपलब्ध कराना शामिल है।
वहीं दूसरे चरण में गुरुवार (14 मई) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3.16 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है। जिसमें प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज, किसानों को सस्ता कर्ज और रेहड़ी पटरी वालों को कार्यशील पूंजी कर्ज उपलब्ध कराने का ऐलान किया गया है। इसके अलावा वन नेशन वन राशन कार्ड योजना में 23 राज्यों में मौजूद 67 करोड़ राशनकार्ड धारक (जो कुल PDS आबादी का 83 फीसदी है) अगस्त 2020 तक नेशनल पोर्टेबिलिटी के तहत लाने और मार्च 2021 से पहले 100 फीसदी नेशनल पोर्टेबिलिटी हासिल करने की बात की।