कोलकाता, 16 दिसंबर पाकिस्तान के साथ 1971 में हुई जंग में भारत की जीत के 50वें ‘विजय दिवस’ के मौके पर बृहस्पतिवार को आयोजित समारोह में शहीद हुए सैन्यकर्मियों को याद किया गया।
इस युद्ध के बाद पाकिस्तान का हिस्सा रहा बांग्लादेश एक आजाद देश बन गया था।
युद्व नायकों, देश के लिए लड़ने वाले सैनिकों के करीबी रिश्तेदारों, तीनों सेनाओं के सैन्य कमांडरों, पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेट जनरल मनोज पांडे ने विजय स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
फोर्ट विलियम में स्थित सेना की पूर्वी कमान के मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए व्यक्तियों ने लड़ाई के दौरान अपने प्राण न्यौछावर करने वालों के लिए दो मिनट का मौन रखा।
वायुसेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) अरूप राहा, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जे. आर. मुखर्जी और लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) प्रवीण बक्शी उन सेवानिवृत्त अधिकारियों में शामिल थे जिन्होंने विजय स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
कोलकाता पुलिस के आयुक्त सौमेन मित्रा भी कार्यक्रम में मौजूद थे।
सेना ने 1971 के युद्ध में जीत की स्वर्ण जयंती के मौके पर हफ्ते भर के लिए कई कार्यक्रम करने की योजना बनाई थी लेकिन हेलीकॉप्टर हादसे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 12 सैन्यकर्मियों की मृत्यु की वजह से कई कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया।
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